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Bihar: BPSC का ये काम अब नहीं करेंगे सरकारी शिक्षक और पदाधिकारी, राज्य के मुख्य सचिव सुबहानी ने दी यह दलील

BPSC द्वारा विद्यालय अध्यापकों के आवेदक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन कार्य और ओएमआर शीट स्कैनिंग के काम से शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अलग रहेंगे। राज्य के मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों और शिक्षा पदाधिकारियों से कराए जाने वाले इस काम पर रोक लगा दी है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 07 Sep 2023 06:31 PM (IST)
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अध्यापक अभ्यर्थियों के आवेदनों का सत्यापन नहीं करेंगे शिक्षा अधिकारी-कर्मचारी।
राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापकों के आवेदक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन कार्य और ओएमआर शीट स्कैनिंग कार्य से शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के पदाधिकारी और कर्मी अलग रहेंगे।

प्रदेश के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों और शिक्षा पदाधिकारियों व कर्मियों से कराए जाने वाले इस कार्य पर रोक लगा दी है।

शिक्षा विभाग ने भी BPSC को लिखा पत्र 

मंगलवार को शिक्षा विभाग ने भी बीपीएससी को पत्र लिखकर शिक्षकों को अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सत्यापन से अलग रखने को कहा था।

वर्तमान में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन और ओएमआर शीट की स्कैनिंग का काम चल रहा है।

इस काम में शिक्षकों और विभाग के पदाधिकारियों-कर्मियों को लगाया गया है। इसकी जानकारी मुख्य सचिव को भी हुई, जिसके बाद उन्होंने इस संबंध में पत्र लिखा है।

इसलिए लिया गया ऐसा फैसला

मुख्य सचिव सुबहानी ने पत्र में लिखा है कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति में वृद्धि को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। दूसरे भी कई कार्य संपादित किए जा रहे हैं।

इसमें विभाग के पदाधिकारी-कर्मचारी के साथ-साथ शिक्षकों का सहयोग लिया जा रहा है। ऐसे में इन्हें सत्यापन कार्य से अलग रखना आवश्यक है, ताकि वे अपने मूल दायित्वों का निवर्हन कर सकें।

मुख्यसचिव ने कहा...

मुख्य सचिव ने कहा कि यह मामला शिक्षा विभाग के अधीन विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति से संबंधित है, जो अत्यंत संवेदनशील है।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा भी विगत कई सालों से बारकोडिंग संबंधित कार्यों की संवेदनशीलता के मद्देनजर ऐसे कार्यों से शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों, कर्मियों व शिक्षकों को अलग रखा जाता है।

शिक्षा कर्मियों के स्थान पर दूसरे विभाग के पदाधिकारियों या कार्मिकों से यह कार्य कराया जा सकता है, ऐसा उन्होंने सुझाव दिया है।

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