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KK Pathak: केके पाठक के विभाग का नया फरमान, अब इन स्कूलों की TC होगी अमान्य; अभिभावक-छात्र की बढ़ेगी टेंशन!

KK Pathak News केके पाठक का विभाग बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। इसे लेकर नित्य नए फैसले लिए जा रहे हैं ताकि बच्चों का भविष्य बनाया जा सके। इसी कड़ी में विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया हैं जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूल संचालकों को अब ई-शिक्षा पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा।

By Ravi Kumar(Patna) Edited By: Shashank Shekhar Updated: Fri, 24 May 2024 08:58 AM (IST)
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KK Pathak: केके पाठक के विभाग का नया फरमान, अब इन स्कूलों की TC होगी अमान्य (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पटना। शिक्षा विभाग बिना पंजीयन कराए चल रहे निजी स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी में है। निजी स्कूल संचालकों को अब ई-शिक्षा पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा।

अगर वे ई-शिक्षा पोर्टल पर पंजीयन नहीं करते है तो उनके द्वारा बच्चों को जारी किए जाने वाला टीसी मान्य नहीं होगा और जारी करते हैं तो वह अपराध श्रेणी में माना जाएगा। विभाग उन पर फर्जी टीसी जारी करने के आरोप में निजी स्कूल के संचालकों पर प्राथमिकी भी कर सकता है।

जिले में है मात्र 856 पंजीकृत निजी स्कूल

जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई करने वाले 35 सौ स्कूल संचालित हो रहे है। इनमें से मात्र 856 निजी स्कूलों ने ही ई-शिक्षा पोर्टल पर पंजीयन कराया है। विभाग का कहना है कि गली-मुहल्ले में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई करने वाले निजी स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में न तो जगह होती है और न ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था।

स्कूल करकट में संचालित किए जा रहे हैं। इनके पास बच्चों के खेलने के लिए परिसर भी नहीं होता। अभिभावकों को भ्रमित कर बच्चों को नामांकन करा लिया जाता है। ऐसे स्कूलों को टीसी जारी करने का अधिकारी नहीं है। क्यों कि इनके पास सरकार द्वारा जारी पंजीयन नंबर नहीं होता है।

एक बच्चे का नवोदय विद्यालय में नहीं हो पाया नामांकन

जिला शिक्षा कार्यालय के अधिकारी बताते हैं कि पिछले महीने पटना सिटी के निजी स्कूल में पढ़ रहे पांचवीं कक्षा के बच्चे ने नवोदय विद्यालय में कक्षा छह में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा दी थी। वह प्रवेश परीक्षा में पास भी कर गया। उक्त निजी विद्यालय ने बच्चे को पांचवीं कक्षा का टीसी जारी कर दिया।

नवोदय विद्यालय में नामांकन के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी का हस्ताक्षर चाहिए था। जब उक्त निजी स्कूल की सूची जब ई-शिक्षा पोर्टल पर देखी गई तक उसका नाम कहीं नहीं मिला। स्कूल की लापरवाही के कारण बच्चे का नवोदय विद्यालय में नामांकन नहीं हो पाया। इस तरह के हजारों निजी स्कूल है जो बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।

डीईओ ने की अभिभावकों से अपील

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि बिना पंजीयन के चल रहे निजी स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। अभिभावक से अपील है कि वे बच्चों का नामांकन कराने से पहले उक्त निजी स्कूल के बार में पता कर ले कि वह विभाग से पंजीकृत है या नहीं।

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