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KK Pathak: पाठक सर ये तो गजब हो गया! बेंच-डेस्क ने मचा दिया हड़कंप, हेडमास्टर से लेकर डीईओ तक सख्ते में

जिले के कुछ स्कूलों को बेंच-डेस्क ऐसा मुहैया कराया गया है जिस पर बच्चों के बैठते ही टूट जा रहे हैं। इसका उदाहरण राजकीयकृत चिरैयाटाड़ उच्च माध्यमिक स्कूल में देखने को मिला। इस स्कूल को 50 बेंच-डेस्क एजेंसी के माध्यम से मुहैया कराए गए हैं। इस स्कूल में जो भी बेंच -डेस्क दिए गए है उसमें लकड़ी की जगह कुन्नी से बना लकड़ी का तख्था इस्तेमाल किया गया है।

By Ravi Kumar(Patna) Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 05 Apr 2024 06:31 PM (IST)
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पाठक सर ये तो गजब हो गया! बेंच-डेस्क ने मचा दिया हड़कंप, हेडमास्टर से लेकर डीईओ तक सख्ते में
जागरण संवाददाता, पटना। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को नये बेंच-डेस्क दिए जा रहे हैं। स्कूलों को तक बेंच-डेस्क पहुंचाने और निर्माण की जिम्मेवारी एजेंसी को दी गई है। जिले के कुछ स्कूलों को बेंच-डेस्क ऐसा मुहैया कराया गया है जिस पर बच्चों के बैठते ही टूट जा रहे हैं।

इसका उदाहरण राजधानी में स्थित राजकीयकृत चिरैयाटाड़ उच्च माध्यमिक स्कूल में देखने को मिला। इस स्कूल को 50 बेंच-डेस्क एजेंसी के माध्यम से मुहैया कराए गए हैं। इस स्कूल में जो भी बेंच -डेस्क दिए गए है उसमें लकड़ी की जगह कुन्नी से बना लकड़ी का तख्था इस्तेमाल किया गया है।

नतीजा यह हो रहा है कि इस बेंच जब तीन बच्चे बैठते हैं तो वह बीच से टूट जा रहा है। डेस्क पर भी अधिक भाड़ देने पर टूटने की बात सामने आई है। स्कूल की ओर से बताया गया कि बेंच न टूटे इसको देखते हुए एक बेंच पर तीन की जगह दो बच्चों को दोनों किनारे में बैठने के लिए कहा जा रहा है।

बेंच के बीच वाले हिस्से पर बच्चों को बैठने पर स्कूल की ओर से रोक लगाई है। जिले में स्कूलों में मांग के अनुसार कुल 67 हजार बेंच-डेस्क का वितरण किया जाना है।

डीईओ ने एजेंसी को बदलने का दिया निर्देश

जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने चिरैयाटाड़ स्कूल के प्रधानाध्यापक से बात की। प्रधानाध्यापक ने डीईओ को एजेंसी द्वारा कुन्नी से बने बेंच-डेस्क देने की शिकायत की। प्रधानाध्यापक ने यह भी शिकायत किया बेंच-डेस्क में लगा लोहे का फ्रेम भी कमजोर है।

शिकायत मिलने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार संबंधित एजेंसी को बेंच-डेस्क बदलने का निर्देश दिया। साथ ही कहा है कि बेंच-डेस्क के निर्माण में घाटिया सामग्री का इस्तेमाल करने वाले एजेंसी को काली सूची में डाला जाएगा और नियमानुसार उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। डीईओ ने कहा कि अन्य स्कूलों को मिले बेंच-डेस्क की जांच कराई जाएगी।

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