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भीषण गर्मी से राहत देने के मूड में नहीं KK Pathak! स्कूल बंद; फिर भी शिक्षकों को मिला ये नया ऑर्डर

Bihar Teachers बिहार में भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। फिर भी शिक्षा विभाग की तरफ से टीचरों को कोई राहत नहीं दी गई है। उन्हें तपती गर्मी में भी स्कूल आना होगा। शिक्षा विभाग की तरफ से टाइम टेबले जारी कर दिया गया है। वे स्कूल से संबंधित कार्य में प्रधानाध्यापक का सहयोग करेंगे।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 30 May 2024 08:49 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Teachers भीषण गर्मी को देखते हुए मुख्यमंत्री के आदेश पर सरकारी स्कूलों में आठ जून तक कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इस दौरान स्कूलों में पढ़ाई नहीं होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि स्कूल बंद नहीं किया गया है, बल्कि कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

इस दौरान शिक्षण कार्य नहीं होंगे, लेकिन शिक्षक पूर्व घोषित समयानुसार सुबह छह बजे स्कूल आएंगे और दोपहर 1.30 बजे तक स्कूल में रहेंगे। शिक्षक स्कूल में रहते हुए नामांकन, कापी जांच सहित अन्य कार्य करेंगे।

वे स्कूल से संबंधित कार्य में प्रधानाध्यापक का सहयोग करेंगे। स्कूलों का निरीक्षण कार्य भी चलता रहेगा। उन्होंने शिक्षकों को निर्धारित समय पर स्कूल आने के लिए निर्देशित किया है।

गर्मी की मार से हर दिन सैकड़ों लोग पहुंच रहे अस्पताल

उमस भरी भीषण गर्मी से हर दिन सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। राजधानी पटना में हीट स्ट्रोक व लू के बजाय उल्टी-दस्त, पेट दर्द यानी गैस्ट्रोइंट्राइटिस के रोगी ज्यादा आ रहे हैं। 103-104 डिग्री का तेज बुखार, जो सात दिन तक उतरने का नाम नहीं लेता, ऐसे रोगी भी अधिक हैं।

इसके अलावा अधेड़ व बुजुर्ग में ब्रेन हैमरेज, धड़कन बढ़ना, बेचैनी व ब्लाकेज की समस्या मिली है। श्वांस रोग के साथ कुछ लोगों का सीरम क्रिएटेनिन स्तर बढ़ा मिल रहा है। आइजीआइएमएस में गत चार दिनों से औसतन सात मरीज ब्रेन हैमरेज के भर्ती हो रहे हैं।

छह माह से कम उम्र के बच्चे तेज बुखार लेकर आ रहे

चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल के अनुसार बुधवार को इमरजेंसी में कुल 18 ब्रेन हैमरेज के मरीज भर्ती थे। आइजीआइसी के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. बिरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि छह माह से कम उम्र के बच्चे तेज बुखार लेकर आ रहे हैं और स्थिति यह है कि पोछने व दवाओं से भी उतर नहीं रहा है।

इसका कारण घर का अत्यधिक तापमान भी हो सकता है। सिविल सर्जन डा. मिथिलेश्वर कुमार ने बताया कि मार्च से अब तक हीट स्ट्रोक-लू के जिले में 20 मामले ही दर्ज किए गए हैं। आम जन को गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए नियमित तौर पर अस्पतालों में जागरूक करने वाली जानकारी दी जा रही हैं।

अस्पतालों में फ्ल्यूड से लेकर जरूरी दवाओं तक का पर्याप्त भंडार है। बताते चलें कि बुधवार को पीएमसीएच में 18 लोग मुख्य व शिशु इमरजेंसी में भर्ती कराए गए। न्यू गार्डिनर रोड में छह लोगों को स्लाइन के साथ इंजेक्शन दिए गए। आइजीआइएमएस में पांच ब्रेन हैमरेज के रोगी भर्ती किए गए।

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