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15 दिनों तक स्कूल से गायब रहने वाले छात्रों का कटेगा नाम, KK Pathak के इस कदम से होगी 300 करोड़ की सीधी बचत

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मख्य सचिव के के पाठक रसातल में पहुंच चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक के बाद एक कई कड़े फैसले ले रहे हैं। इसका असर भी धीरे-धीरे देखने को मिल रह है। हालांकि काफी प्रयासों के बाद भी कुछ जिलों के स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति को बेहतर नहीं किया जा सका है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 07 Sep 2023 09:47 PM (IST)
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फर्जी नामांकन से राज्य को हो रहा 300 करोड़ का नुकसान। (फाइल फोटो)

संजय सिंह,भागलपुर: शिक्षा विभाग शिक्षण प्रणाली में गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ छात्रों की उपस्थिति पर भी ध्यान दे रहा है। बावजूद, राज्य के 10 प्रतिशत स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे स्कूलों की संख्या पूर्वी बिहार, कोसी और सीमांचल में 50 से भी अधिक है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीपीओ को पांच-पांच स्कूलों पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी है। इन्हें इस बात की भी जिम्मेदारी दी गई है कि अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से बात करें।

10% स्कूल ऐसे, जहां छात्र अब भी नहीं जाते स्कूल

अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन राज्य में 10 प्रतिशत ऐसे स्कूल हैं, जहां अभी भी छात्र स्कूल नहीं जाते हैं। इन स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से भी कम है।

के के पाठक को इस बात की भी जानकारी मिली है कि कई छात्र यहां के सरकारी स्कूलों में नामांकन तो करवा लेते हैं, लेकिन पढ़ाई दूसरे राज्यों में जाकर करते हैं।

सरकारी विद्यालयों में नामांकन करवाने की मंशा यह रहती है कि सरकार की विभिन्न योजनाओं का उन्हें डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) का लाभ मिल सके।

के के पाठक ने कोटा का किया जिक्र

उन्होंने अपने पत्र में, खासकर कोटा (राजस्थान) का उल्लेख किया है। उन्होंने आगे लिखा है कि इस बात की पक्की सूचना है कि अब भी राज्य के कई छात्र कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा है कि इसके लिए चाइल्ड ट्रैकिंग व्यवस्था को अपनाया जाए। जो छात्र लगातार अनुपस्थित रह रहे हैं, उनका नामांकन रद्द किया जाए। इससे सरकार को आर्थिक बचत भी होगी।

पाठक ने बताया कैसे होगी 300 करोड़ की सीधी बचत 

राज्य सरकार कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। इसपर राज्य सरकार को लगभग हर साल तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

यदि लगातार अनुपस्थित रहने वाले 10 प्रतिशत छात्रों का नामांकन रद्द किया जाता है, तो इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष 300 करोड़ रुपये की सीधी बचत होगी।

आरडीडी को भी पांच विद्यालयों पर नजर रखने का निर्देश

अपर मुख्य सचिव ने सभी आरडीडी को भी अपने-अपने क्षेत्र के पांच विद्यालयों पर नजर रखने का निर्देश दिया है। सहरसा के समग्र शिक्षा अभियान के कार्यक्रम पदाधिकारी जियाउल होदा का कहना है कि विभाग द्वारा जगह-जगह पर अभिभावकों के साथ गोष्ठी आयोजित कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसका बेहतर असर भी दिख रहा है।

शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। अपर मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों की खोज-खबर लेनी शुरू कर दी गई है। जल्द ही छात्रों की उपस्थिति में सुधार होगी।

कपिलदेव सिंह, आरडीडी, कोसी

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