KK Pathak: आखिर शिक्षा मंत्री से भी अधिक पावर में कैसे रहते हैं केके पाठक? कौन-कौन से फैसले लेने का है उनके पास अधिकार
Bihar News बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आए दिन सुर्खियों में बने रहते हैं। उनकी ताबड़तोड़ कार्रवाई से बिहार के शिक्षा मंत्री तक भी हैरान हो जाते हैं। कभी कभी तो शिक्षा में वे ऐसे फैसले ले लेते हैं जिससे मंत्रालय में भी हड़कंप मच जाता है। तो अब सवाल उठता है कि क्या केके पाठक शिक्षा मंत्री से भी अधिक पावरपुल हैं।
By Jagran NewsEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Wed, 06 Dec 2023 11:10 AM (IST)
संजीव कुमार, डिजिटल डेस्क, पटना। KK Pathak Power: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों विभिन्न जिलों के अलग-अलग स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं। लापरवाह शिक्षकों पर शिकंजा कसने के लिए ताबड़तोड़ कड़े फैसले ले रहे हैं। शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति से लेकर स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी प्रधानाध्यापकों को सख्त चेतावनी देते रहते हैं।
तो चलिए जानते हैं कि आखिर केके पाठक, शिक्षा मंत्री से भी अधिक पावर में कैसे रहते हैं? उनका कोई कुछ बिगाड़ क्यों नहीं पा रहा है? केके पाठक के पास कौन कौन से फैसले लेने का है अधिकार?दरअसल, केके पाठक (kk pathak) बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं और वह सीधे सीएम नीतीश कुमार को रिपोर्ट करते हैं। यानी सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर ही वह काम करते हैं। नीतीश कुमार ने 2 नवंबर को नियु्क्ति पत्र बांटते समय खुले मंच से उनकी प्रशंसा की थी।
नीतीश कुमार की प्रशंसा से यह साफ तौर पर स्पष्ट हो गया कि केके पाठक को शिक्षा विभाग से जुड़े किसी भी तरह के फैसले लेने की खुली छूट दे दी गई है। यानी वह शिक्षकों पर किसी भी तरह की कार्रवाई कर सकते हैं। इसलिए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते हैं।
केके पाठक के पास कौन-कौन से फैसले लेने के अधिकार (kk pathak decision)
- केके पाठक किसी भी शिक्षक और प्रधानाध्यापक को निलंबित या बर्खास्त कर सकते हैं।
- केके पाठक शिक्षकों और प्रधानाध्यापक की सैलरी पर रोक लगा सकते हैं।
- केके पाठक (kk pathak) स्कूलों के लिए फंड जारी करने की सिफारिश राज्य सरकार से कर सकते हैं।
- स्कूल में त्योहारों की छुट्टियों की कटौती पर फैसले ले सकते हैं।
- केके पाठक स्कूलों की छुट्टी और नियमावली के लिए अपनी सलाह दे सकते हैं।
- केके पाठक स्कूल के टाइम टेबल को कभी भी बदलने का आदेश दे सकते हैं।
- शिक्षकों के ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था में बदलाव कर सकते हैं।
- शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा सकते हैं।
- शिक्षकों की सैलरी जारी करने पर भी फैसला ले सकते हैं।
केके पाठक के कुछ बड़े फैसले
- केके पाठक (kk pathak) ने मिशन दक्ष की शुरुआत की जिसके तहत 10 हजार शिक्षकों को पढ़ाई में कमजोर 50 हजार बच्चों को गोद लेना है और अलग से समय देकर पढ़ाना है।
- स्कूल में बिना बताए गायब रहने वाले शिक्षकों के वेतन में कटौती और सस्पेंड करने के आदेश
- स्कूल में 15 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहने पर छात्रों के नाम काटने के आदेश, इसके तहत अब तक 20 लाख से अधिक बच्चों के नामांकन रद्द कर दिए गए हैं।
- किसी भी हालत में गांव में रहकर पढ़ाना होगा नहीं तो छोड़नी होगी नौकरी
- सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य
- केके पाठक ने बिहार में शिक्षकों की छुट्टियों में कटौती कर कड़ा संदेश दिया।
- कोई भी बच्चे फर्श पर नहीं पढ़ेंगे
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