KK Pathak: उधर छुट्टी मना रहे केके पाठक, इधर नए ACS ने पलट दिया उनका 'ऑर्डर'; शिक्षा विभाग में खलबली
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के पीएल खाते समेत सभी बैंक एकाउंट पर लगाए गए रोक संबंधी आदेश को वापस लेने और स्थगित वेतन भुगतान को चालू करने का निर्देश जारी किया। इससे संबंधित पत्र भी शिक्षा सचिव की ओर से सभी कुलपतियों को ईमेल से भेज दिया गया। इससे पहले शिक्षा विभाग में भी कुलपतियों के साथ मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ ने बैठक की।
दीनानाथ साहनी, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट और तमाम गतिरोध का समाधान हो गया है। इसे लेकर बुधवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में राजभवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में स्वयं शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ शामिल हुए और कुलपतियों से सीधा संवाद किया।
इसके बाद शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के पीएल खाते समेत सभी बैंक एकाउंट पर लगाए गए रोक संबंधी आदेश को वापस लेने और स्थगित वेतन भुगतान को चालू करने का निर्देश जारी किया। इससे संबंधित पत्र भी शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव की ओर से सभी कुलपतियों को ईमेल से भेज दिया गया।
इससे पहले, शिक्षा विभाग में भी कुलपतियों के साथ मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ ने बैठक की। इससे पहले राजभवन में आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के समक्ष कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता का मसला भी उठाया।
साथ ही विश्वविद्यालयों के पीएल खाता समेत अन्य खातों पर लगायी गई रोक और राशि निकासी नहीं होने से उत्पन्न समस्याओं को रखा। तब शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने भरोसा देते हुए कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बरकरार करना प्राथमिकता में है, उन्हें अपने दायित्वों का सही निवर्हन करते रहना चाहिए। उनकी जरूरतें पूरी की जाएंगी और इसके लिए समुचित राशि जल्द उपलब्ध करायी जाएगी।
वहीं, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कुलपतियों को आदेश देते हुए कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए एकेडमिक रोडमैप तैयार कर उस पर कार्य शुरू करें। हर विश्वविद्यालय को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाएं। सभी विश्वविद्यालयों में एकेडमिक और रिसर्च के लिए डीन की नियुक्ति करें।
विश्वविद्यालयों को समुचित राशि उपलब्ध कराए शिक्षा विभाग : राज्यपाल
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के विकास हेतु शिक्षा केन्द्र के रूप में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए अनेक राज्यों के विश्वविद्यालय अधिनियमों द्वारा विश्वविद्यालयों को स्वायत्त बनाया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न न्यायादेशों में भी विश्वविद्यालयों को स्वायत्त मानते हुए कहा गया है कि शिक्षा विभाग का दायित्व उन्हें समुचित निधि उपलब्ध कराना है। राज्यपाल ने राज्य के शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने हेतु नये सिरे से प्रयास करने का निर्देश देते हुए कहा कि जुलाई में राजभवन में अकादमिक विकास के लिए सभी कुलपतियों का दो दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
विश्वविद्यालयों में तेजी से गुणात्मक सुधार लाएं कुलपति : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी कुलपति अपने दायित्व सही तरीके से निर्वहन करते हुए विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर एक कार्य योजना बनाकर कार्य करें। विश्वविद्यालयों में तेजी से गुणात्मक सुधार लाएं। कुलपतियों को यह प्रयास करना चाहिए कि हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य बेहतर हो तथा हमारा प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में पुरानी प्रतिष्ठा को हासिल कर सके। इसके लिए जरूरी है कि टीम स्प्रिट के साथ सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर जोर दिया। बैठक में विश्वविद्यालयों के आंतरिक अंकेक्षण की व्यवस्था, कर्मियों की नियुक्ति, वेतन एवं पेंशन का भुगतान, अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान, आइटी सेल का गठन का जल्द समाधान किए जाने पर जोर दिया गया।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ ने विश्वविद्यालयों की समस्याओं के समाधान हेतु सभी आवश्यक उपाय किए जाने का आश्वासन दिया। बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू तथा शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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