KK Pathak : इन विश्वविद्यालयों ने बढ़ाई केके पाठक की टेंशन, शिक्षा विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा; हाईकोर्ट तक पहुंची बात
KK Pathak राज्य के विश्वविद्यालयों ने केके पाठक की टेंशन बढ़ा दी है। उन्होंने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अधिकारी आपणई शिकायत लेकर पटना हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि तीन महीने से शिक्षकों और कर्मियों को वेतन और पेंशनधारकों को पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है। 15 मार्च से शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के सभी खातों पर रोक लगा रखी है
दीनानाथ साहनी, पटना। चालीस दिनों से पैसे-पैसे के मोहताज हो चुके राज्य के विश्वविद्यालयों ने एकसाथ मिलकर शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षा विभाग की मनमानी के विरुद्ध विश्वविद्यालयों ने संयुक्त रूप से आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।
इसकी शुरूआत करते हुए विश्वविद्यालयों ने सभी बैंक खातों के संचालन पर शिक्षा विभाग की ओर से लगायी गयी रोक को हटाने के लिए पटना उच्च न्यायालय में अलग-अलग रिट याचिका दायर करना शुरू कर दिया है।
सबसे पहले मगध विश्वविद्यालय, बोधगया ने याचिका दायर कर राज्य के मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, निदेशक और उपनिदेशक काे वादी बनाया है।साथ ही, सभी खातों के संचालन पर लगी रोक को हटाने की गुहार न्यायालय से लगायी है।
सैकड़ों पेंधनधारी अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पा रहे
इस संबंध में मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. समीर कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा बैंक खातों पर लगायी गई रोक से शिक्षकों और कर्मचारियों को न वेतन दे रहे हैं और न ही पेंशनधारकों को राशि भुगतान कर पा रहे हैं। सैकड़ों पेंधनधारी अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
उन लोगों के लगातार फोन आ रहे हैं, लेकिन हम लाचार हैं। पैसे की निकासी नहीं होने से विश्वविद्यालयों में सभी वित्तीय कामकाज ठप पड़ गया है। तमाम प्रशासनिक, शैक्षणिक और परीक्षा से संबंधित अन्य कार्य नहीं हो रहे हैं।
यहां तक कि बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में विश्वविद्यालयों द्वारा न जीएसटी सरकार को चुकाया गया है और न ही आयकर रिटर्न भरा गया है। इसके कारण सभी विश्वविद्यालयों पर पेनाल्टी लगना तय है।
ऐसे में बाध्य होकर हमें पटना उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल करनी पड़ी है। हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि शिक्षकों, कर्मियों और पेंशनधारियों के हित में जल्द न्याय मिलेगा।
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