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शिक्षकों के बाद अब छात्रों पर चला KK Pathak का चाबुक, नाम लिखाकर गायब हुए विद्यार्थियों का रद्द होगा नामांकन

शिक्षा विभाग के आदेश का असर बिहार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में दिखने लगा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालयों महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता का आदेश दिया है। आदेश के बाद अब विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दाखिले के बाद लगातार गैरहाजिर चल रहे छात्र-छात्राओं के नामांकन रद्द किए जाने शुरू हो गए हैं।

By Dina Nath SahaniEdited By: Mohit TripathiUpdated: Mon, 14 Aug 2023 06:30 PM (IST)
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शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद विश्वविद्यालयों व कॉलेजों ने उठाए कड़े कदम। (फाइल फोटो)
दीनानाथ साहनी, पटना: शिक्षा विभाग के आदेश का असर बिहार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में दिखने लगा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता का आदेश दिया है।

इसे लेकर राज्य के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दाखिले के बाद लगातार गैरहाजिर चल रहे छात्र-छात्राओं के नामांकन रद्द किए जाने शुरू हो गए हैं।

दिखने लगा है असर

छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावकों को यह नोटिस मिलनी शुरू हो गयी है कि विद्यार्थी के नहीं आने पर कॉलेज से उनके नाम काट दिए जायेंगे।

इसकी शुरुआत सबसे पहले ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के सीएम साइंस कॉलेज में ऐसे तीन दर्जन छात्र-छात्राओं के नामांकन रद्द किए जा चुके हैं। 

इस कार्रवाई में जिनका नामांकन रद्द किया गया है, उनमें ऐसे छात्र शामिल हैं, जिन्होंने कॉलेज में नामांकन लेने के बाद कक्षाओं में उपस्थिति तक नहीं दर्ज कराई थी। इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को मिली है।

इन संस्थानों में भी हुई कार्रवाई

कमोबेश, ऐसी ही कार्रवाई वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय एवं मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा भी की गयी है।

इधर, कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की कम-से-कम 75 प्रतिशत उपस्थिति को लेकर मगध विश्वविद्यालय के भी तेवर कड़े हैं। इस बाबत विश्वविद्यालय द्वारा अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों को न केवल सख्त निर्देश दिए गए हैं, बल्कि उसके अनुपालन का अनुश्रवण भी किया जा रहा है।

अभिभावकों को अपने बच्चों के स्कूल नहीं आने पर नोटिस

शिक्षा विभाग के मानीटरिंग से प्राप्त सूचना के मुताबिक जो छात्र-छात्राएं कॉलेज में नामांकन लेने के बाद पढ़ाई करने नहीं आ रहे हैं और लगातार गैरहाजिर हो रहे हैं, उनके अभिभावकों को नोटिस देकर अपने बच्चों को कॉलेज भेजने की अपील की जा रही है। बावजूद अपनी को नजरअंदाज कर कॉलेज नहीं आने वाले छात्र-छात्राओं के नामांकन काटने को कहा गया है।

सीएम साइंस कॉलेज के जिन छात्रों के नाम काटे गए हैं उनके अभिभावकों से कॉलेज प्रशासन द्वारा हफ्ते भर पहले अपील की गयी थी। उसके बाद नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की गयी। हालांकि, कॉलेज प्रशासन की अपील के बाद बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा आने लगे हैं।

हर हफ्ते छात्र-छात्राओं की उपस्थिति का मूल्यांकन अनिवार्य

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने हर हफ्ते कॉलेज प्रशासन को छात्र-छात्राओं की उपस्थिति का मूल्यांकन करने को कहा है। उसके आधार पर लगातार अनुपस्थित पाये जाने वाले छात्र-छात्राओं के नामांकन रद्द किए जायेंगे।

महत्वपूर्ण बात यह कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीएम साइंस कॉलेज ने तय किया है कि लगातार 10 दिनों तक वर्ग से अनुपस्थित पाए जाने वाले छात्र-छात्राओं के नामांकन रद किए जाएंगे।

अभिभावकों को दूरभाष अथवा पत्र के माध्यम से उनका नामांकन रद करने एवं 75 प्रतिशत उपस्थिति न रहने पर परीक्षा फार्म भरने से वंचित रहने संबंधी नोटिस दी जाएगी।

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