BPSC चयनित महिला शिक्षकों को स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग दिलाएंगे KK Pathak, प्राचार्यों को व्यवस्था करने का दिया आदेश
बिहार में बीपीएससी चयनित महिला अध्यापकों को स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण 4 दिसंबर से शुरू होने वाले प्रशिक्षण में दिया जाएगा। केके पाठक ने सभी सरकारी अध्यापक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों को आदेश देते हुए कहा कि संबंधित संस्थानों में प्रशिक्षण लेने वाले बैच में स्कूटी के प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। प्रशिक्षण की अवधि आधे घंटे की होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित महिला अध्यापकों को स्कूटी (दो पहिया वाहन) चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण सभी सरकारी अध्यापक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों में चार दिसंबर से इच्छुक शिक्षकों को दी जाएगी।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी सरकारी अध्यापक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों को आदेश जारी किया है।
प्रतिदिन आधे घंटे दिया जाएगा प्रशिक्षण
के के पाठक ने आदेश देते हुए कहा है कि संबंधित संस्थानों में प्रशिक्षण लेने वाले बैच में स्कूटी के प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। प्रशिक्षण की अवधि आधे घंटे (30 मिनट) की हो। यह प्रशिक्षण पीटी कक्षा के बाद और ट्रेनिंग क्लास शुरू होने के बीच की अवधि में साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे पूर्वाह्न के बीच में इच्छुक अध्यापकों की संख्या देखते हुए तय किया जाए।
केके पाठक ने क्यों लिया ऐसा फैसला
केके पाठक ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य में विभिन्न अध्यापक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों में निरीक्षण के दौरान यह बात स्पष्ट हुई है कि बीपीएससी से चयनित जो अध्यापक आए हैं, उनमें काफी संख्या में महिलाएं हैं, जिन्होंने यह इच्छा प्रकट की है कि हमें स्कूटी का प्रशिक्षण दे दिया जाए, तो उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और विद्यालय समय से पहुंचने में आसानी होगी।
केके पाठक का निर्देश
केके पाठक ने कहा कि स्कूटी सीखने की इच्छुक महिला अध्यापकों को प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मोटर प्रशिक्षण देने वाले संस्थान की सूची जिला परिवहन पदाधिकारी के कार्यालय से प्राप्त कर लिया जाए।
फिलहाल, प्रति प्रशिक्षु की प्रशिक्षण दर को स्थानीय बाजार दर के आधार पर तय कर प्रशिक्षण का काम शुरू किया जाए। चूंकि यह दो पहिया वाहन/स्कूटी का प्रशिक्षण, अध्यापकों के प्रशिक्षण का अभिन्न अंग होगा, इसलिए इस प्रशिक्षण हेतु स्थायी दर भी तय करना उचित होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग के स्तर पर तुरंत निविदा निकाली की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।