जानें कौन हैं सोनम और कुसुम जिनपर भाजपा ने जताया है भरोसा, उप चुनाव में सवर्णों पर लगाया दांव
बिहार की दो सीटों पर उप चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने गोपालगंज से कुसुम देवी तो मोकामा से सोनम देवी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। कुसुम दिवंगत विधायक सुबाष सिंह की पत्नी हैं। जबकि सोनम देवी नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की पत्नी हैं।
जागरण टीम, पटना/गोपालगंज। बिहार विधानसभा की दो सीटों पर तीन नवंबर को होने वाले उप चुनाव के लिए भाजपा ने रविवार को अपने दोनों प्रत्याशियों के नाम ऐलान कर दिया। गोपालगंज से कुसुम देवी तो मोकामा से सोनम देवी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। गोपालगंज में कुसुम देवी दिवंगत विधायक सुबाष सिंह की पत्नी हैं। जबकि सोनम देवी नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की पत्नी हैं। पार्टी की ओर से प्रत्याशी घोषित होने के साथ दोनों ने नामांकन की तिथि की घोषणा कर दी है।
पार्टी नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल करेंगी प्रत्याशी
गोपालगंज से भाजपा उम्मीदवार कुसुम देवी सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगी। इस दौरान बिहार भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के साथ पार्टी के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे। वहीं, मोकामा उप चुनाव के लिए 14 अक्टूबर को पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में सोनम देवी नामांकन पत्र भरेंगी। गोपालगंज की सीट भाजपा विधायक व पूर्व सहकारिता मंत्री रहे सुबाष सिंह के निधन से खाली हुई। वहीं, मोकामा विधानसभा सीट पर अनंंत सिंह को कोर्ट द्वारा दस की सजा होने के कारण रिक्त है।
सोनम के पति अनंत के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव
आठ अक्टूबर जदयू की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा देने वाले नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है। ललन सिंह पहले भी अनंत सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में मुकाबला कर चुके हैं। लेकिन उनकी बाहुबली छवि की वजह से भाजपा ने ललन सिंह की पत्नी को टिकट दिया है। ललन सिंह पहले भी अनंत सिंह के खिलाफ तीन बार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी से उम्मीदवार बनकर अनंत सिंह को तगड़ी टक्कर दी थी।बाहुबली अनंत सिंह का अभेद्य किला माने जाने वाले मोकामा में साल 2015, 2010 और 2005 में अनंत सिंह को ललन सिंह ने तगड़ी टक्कर दी थी। साल 2010 और 2005 में ललन सिंह रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा से चुनावी मैदान में उतरे थे।
ललन सिंह का सूरजभान सिंह से हैं पुराना नाता
लोजपा से अलग हुए गुट के खेवनहार और पशुपतिनाथ पारस गुट के नेता सूरजभान सिंह के बेहद करीबी ललन सिंह बताए जाते हैं। इसलिए राजनीति में आने के बाद सूरजभान सिंह ने नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को दो बार लोजपा से टिकट दिलवाया था। चर्चा है कि इस बार सूरजभान सिंह मोकामा से उनका साथ खुलकर देंगे और इसकी बड़ी वजह पशुपतिनाथ पारस का भाजपा के साथ केंद्र और राज्य में मजबूत संबंध है।
यह विडियो भी देखें
कुसुम को मिला था टिकट का भरोसा
भाजपा ने सहानुभूति कार्ड खेलते हुए गोपालगंज विधानसभा सीट से लगातार चार बार विधायक रहे सुबाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार दिया। कुसुम देवी पांच सितंबर से आशीर्वाद यात्रा कर रही हैं। कुसुम देवी साक्षर हैं। बताया जाता है कि सदर प्रखंड के ख्वाजेपुर गांव निवासी सुबाष सिंह लगातार चार बार से सदर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर अपना एक रिकार्ड कायम किए हुए थे। सुबाष सिंह के शांत व्यवहार के कारण पार्टी के द्वारा नीतीश कुमार के सरकार में सहकारिता मंत्री बनाया गया। मंत्री बनने के बाद सुबाष सिंह की तबीयत खराब रहने लगी। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद 16 अगस्त को दिल्ली में एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। सुबाष सिंह के निधन के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने ख्वाजेपुर गांव पहुंचकर उनकी पत्नी कुसुम देवी को भरोसा दिया था कि उपचुनाव में भाजपा से उन्हें टिकट दिया जाएगा।
सवर्णों के खाते में गई दोनों सीट
गोपालगंज और मोकामा में हो रहे उप चुनावों में अगड़ी जातियों की भूमिका अहम रहने वाली है। इसलिए भाजपा ने रणनीति के तहत भूमिहार समुदाय के नलिनी रंजन सिंह की पत्नी सोनम देवी को मोकामा के चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, गोपालगंज में राजपूत समाज के पूर्व मंत्री सुबाष सिंह की पत्नी को टिकट दिया है।