Bihar News: 'डॉक्टरों की मामूली शिकायत पर भी तुरंत संज्ञान लें पुलिस अधिकारी', स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का सख्त निर्देश
Kolkata Doctor Murder Case कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या से देश भर के डॉक्टरों में आक्रोश है। डॉक्टर अपनी महिला साथी को न्याय दिलाने और अपनी सुरक्षा के लिए देशव्यापी आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि बिहार सरकार की पहली प्राथमिकता डॉक्टर हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में डॉक्टरों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। सरकार के स्तर पर सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को निर्देश हैं कि महिला-पुरूष जो भी डॉक्टरों के अलावा किसी भी श्रेणी का स्वास्थ्य कर्मी यदि किसी प्रकार की शिकायत दर्ज कराता है, तो उनकी समस्या का प्राथमिकता में त्वरित निष्पादन हो।
यही नहीं स्वास्थ्य संस्थान में कार्यरत डॉक्टर, नर्सों के साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पहले से यहां कानूनी प्रविधान लागू है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना से आक्रोश में डॉक्टर
बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद देश भर के डॉक्टरों में काफी आक्रोश है। घटना के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं जिनसे बिहार भी अछूता नहीं। बिहार में भी डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय कहते हैं कि डॉक्टरों की नाराजगी जाहिर है। बंगाल में जो हुआ वह स्थानीय सरकार और प्रशासन की विफलता है।
मामूली शिकायत पर भी तत्काल संज्ञान लेने का निर्देश
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि डॉक्टर-नर्सों के अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर करीब चार से पांच साल पूर्व ही पुलिस महानिदेशक के माध्यम से सभी जिलों के आरक्षी अधीक्षकों को निर्देश हैं कि डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी की मामूली शिकायत पर भी तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।बिहार में प्रभावी है चिकित्सा सेवा संस्थान व व्यक्ति संरक्षण कानून
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 2011 से बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान एवं व्यक्ति संरक्षण कानून प्रभावी है।
कानून के तहत डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी के साथ होने वाली किसी भी प्रकार की घटना, हिंसा से निपटने के लिए समुचित प्रविधान किए गए हैं।डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ मामूली से मामूली अपराध पर तीन से पांच वर्ष तक की सजा और 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान किए गए हैं। संपत्ति का नुकसान होने पर क्षति हुई संपत्ति का दोगुना जुर्माना वसूलने की भी व्यवस्था की गई है।
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