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Bihar News: मोहन अलंकार ज्वेलर्स के ठिकानों पर ED का छापा, नकदी समेत 1.38 करोड़ के गहने बरामद, जानें क्या है पूरा मामला

कोटक महिंद्रा बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच कर रहे ED ने पटना में मोहन अलंकार ज्वेलर्स से जुड़े तीन ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी दो जनवरी को की गई थी। इस मामले में चार जनवरी को फर्म मालिक के बेटे सौरव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। सौरव को पटना के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 12 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

By Rajat Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sat, 06 Jan 2024 07:41 PM (IST)
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कोटक महिंद्रा बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में ईडी की कार्रवाई।
राज्य ब्यूरो, पटना। कोटक महिंद्रा बैंक धोखाधड़ी मामले (Kotak Mahindra Bank Fraud) की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजधानी पटना में मोहन अलंकार ज्वेलर्स (Mohan Alankar Jewelers) से जुड़े तीन ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी दो जनवरी को की गई। इस मामले में चार जनवरी को फर्म मालिक के बेटे सौरव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।

सौरव को पटना के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 12 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA Act) के तहत की गई छापेमारी के दौरान एक करोड़ 38 लाख की संपत्ति बरामद की गई है।

छापेमारी में 11 लाख 51 हजार रुपये नकद और करीब एक करोड़ 26 लाख के गहने शामिल हैं। इसके अलावा जांच टीम ने कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

बैंक धोखाधड़ी में मोहन अलंकार ज्वैलर्स की बड़ी भूमिका

ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि बैंक से हुए 31 करोड़ 93 लाख की धोखाधड़ी और फर्जी हस्तांतरण में मोहन अलंकार ज्वेलर्स की भी भूमिका थी।

जांच टीम के अनुसार, सरकारी बैंक खाते से करीब पांच करोड़ 34 लाख रुपये मोहन अलंकार ज्वेलर्स के खाते में स्थानांतरित किए गए थे। यह खाता कोटक महिंद्रा बैंक की बोरिंग रोड शाखा में था।

ईडी के अनुसार, सौरव कुमार ही फर्म से जुड़ी सारी गतिविधियों और वित्तीय लेन-देन का हिसाब रखता था। ऐसे में सरकारी फंड के दुरुपयोग में उसकी संलिप्तता पाई गई है। ईडी की जांच जारी है।

बैंक मैनेजर पहले ही हो चुका है गिरफ्तार

कोटक महिंद्रा बैंक में धोखाधड़ी मामले की प्राथमिकी गांधी मैदान में दर्ज की गई थी। ईडी ने गांधी मैदान थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही जांच शुरू की। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि भूमि अधिग्रहण के सक्षम प्राधिकार सह जिला भूमि अधिकारी के बैंक खातों से 31.93 करोड़ के 13 फर्जी लेन-देन किए गए।

विभिन्न शेल और फर्जी संस्थाओं के बैंक खातों का उपयोग कर सरकारी धन की हेराफेरी की गई। इस मामले में बैंक की बोरिंग रोड शाखा के मैनेजर सुमित कुमार भी शामिल थे, जिनको ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

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