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Lalan Singh: ललन सिंह की विदाई तय, नीतीश या रामनाथ; जदयू की कमान जाएगी किसके हाथ?

जदयू ने टूट की खबरों को असत्य बताया है और कहा है कि यह सब भाजपा की साजिश है। अब सबसे बड़ा प्रश्न है कि ललन सिंह के बाद जदयू का अगला अध्यक्ष कौन होगा? नाम कई हैं लेकिन नीतीश कुमार की चर्चा सामने आते ही तमाम नाम पीछे छूट जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि कार्यकारिणी की बैठक में पहला नाम तो नीतीश कुमार का ही आएगा।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 28 Dec 2023 09:05 PM (IST)
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ललन सिंह की विदाई तय, नीतीश या रामनाथ; जदयू की कमान जाएगी किसके हाथ? (फाइल फोटो)

अरविंद शर्मा, नई दिल्ली/पटना। लोकसभा चुनाव के पहले बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में परिवर्तन की बात उठी है तो रहस्य से पर्दा उठने का भी बेसब्री से इंतजार है। दिल्ली में गुरुवार को पदाधिकारियों की आधे घंटे की बैठक में बदलाव की पृष्ठभूमि बन चुकी है। अब शुक्रवार की प्रतीक्षा है।

जदयू कार्यकारिणी की बैठक में ही अब पूरी तरह साफ हो पाएगा कि राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के बाद पार्टी की कमान संभालने के लिए कौन आगे आएगा। सर्वसम्मति से जिसके नाम पर भी सहमति बनेगी, कार्यपरिषद उसी पर मुहर लगा देगी। इसके साथ ही जदयू को लेकर हफ्ते भर से चल रही तरह-तरह की चर्चाओं पर विराम लग जाएगा।

फिलहाल, जदयू ने टूट की खबरों को असत्य बताया है और कहा है कि यह सब भाजपा की साजिश है। अब सबसे बड़ा प्रश्न है कि ललन सिंह के बाद जदयू का अगला अध्यक्ष कौन होगा? नाम कई हैं, लेकिन नीतीश कुमार की चर्चा सामने आते ही तमाम नाम पीछे छूट जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि कार्यकारिणी की बैठक में पहला नाम तो नीतीश कुमार का ही आएगा। अपने नाम पर यदि उन्होंने असहमति नहीं जताई तो आगे किसी का नाम आने का प्रश्न ही नहीं उठता। किंतु अगर नीतीश ने अपनी दावेदारी को खारिज कर दिया तो वक्त की मांग और राजनीति की जरूरतों के हिसाब से अन्य दावेदारों में रामनाथ ठाकुर एवं विजय कुमार चौधरी का नाम आ सकता है।

कौन हैं रामनाथ ठाकुर?

राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं एवं विजय चौधरी राज्य सरकार में मंत्री एवं नीतीश के करीबी नेता माने जाते हैं। बहरहाल जो भी होना है, सब उसी वक्त होगा, क्योंकि नीतीश कुमार के अगले कदम के बारे में आकलन करना आसान नहीं होता। सच यह भी है कि इतनी चर्चाओं के बावजूद नीतीश कुमार ने जदयू में परिवर्तन के पत्ते को अपने दिल में दबाकर रखा है। दूसरा कोई कयास भी नहीं लगा सकता है।

ललन सिंह ने भी इसके बारे में अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है। जदयू में टूट के बारे में मीडिया में आ रही खबरों को उन्होंने भाजपा का षड्यंत्र करार दिया और कहा कि जदयू एक है और एक रहेगा। हालांकि सूत्रों का दावा है कि हफ्तेभर पहले उन्होंने नीतीश के सामने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जरूर जताई थी। इसके लिए उन्होंने संसदीय चुनाव में अपने क्षेत्र में व्यस्त होने के चलते आइएनडीआइए की बैठकों में शामिल नहीं हो पाने की असमर्थता का हवाला दिया था।

ललन के साथ आए नीतीश

बैठक में शामिल होने के लिए नीतीश कुमार, ललन सिंह एवं संजय झा एक ही गाड़ी में जदयू कार्यालय आए। बैठक मात्र आधा घंटा चली और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबोधन के बाद तुरंत खत्म कर दी गई। पदाधिकारियों को हिदायत दी गई कि बैठक की बातों को बाहर न ले जाएं। लेकिन उन्होंने पार्टी को मजबूत करने की बात की। नीतीश एवं ललन के साथ-साथ आने के चलते दोनों में अनबन की खबरों पर अपनेआप विराम लग गया। बैठक के बाद ललन सिंह ने मीडिया से कहा कि यह सामान्य बैठक है और कल की कार्यकारिणी में ही फैसला लिया जाएगा।

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