जदयू और राजद की दोस्ती का एक और असर, ललन सिंह की घोषणा में भविष्य के संकेत ढूंढ रहे लोग
राजद की दोस्ती का नीतीश कुमार की पार्टी पर दिखने लगा एक और बड़ा असर स्थापना दिवस के मौके पर जदयू ने लांच कर दिया अपना नया नारा नए नारे से मजबूत हो रही दोनों दलों की एकजुटता की संभावना
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: जदयू और राजद के बीच की दूरी दिन ब दिन कम होती जा रही है। जदयू ने राजद के सामाजिक न्याय के नारा को अपना लिया है। अब उसका नारा न्याय के साथ विकास इस तरह पूरा होगा-सामाजिक न्याय के साथ विकास। मालूम हो कि मंडल आयोग की अनुशंसाओं को लागू करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने सामाजिक न्याय का नारा दिया था। तब जनता दल एक था।
राजद के विरोध में खड़े हुए नीतीश कुमार
यह जनता दल का नारा बन गया। उस समय के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने बाद के दिनों में इसे अपना नारा बना लिया। एक तरह से यह राजद के राजनीतिक दर्शन का सूत्र बन गया। तब राजद के विरोध में खड़े हुए नीतीश कुमार ने सामाजिक न्याय के मुकाबले में नया नारा दिया था-सुशासन और न्याय के साथ विकास।
पिछली बार भी नहीं दिखी ऐसी एकता
राजद और जदयू-दोनों सामाजिक न्याय और न्याय के साथ विकास के साथ अपना-अपना विस्तार करते रहे। 2015 के विधानसभा चुनाव में जब जदयू और राजद तालमेल के तहत चुनाव लड़े थे, साझा सरकार बनी थी, तब भी दोनों दलों का नारा एक नहीं हुआ था।
स्थापना दिवस पर नया नारा
रविवार को जदयू का दिवस था। 19 साल पहले 30 अक्टूबर को समता पार्टी के जनता दल में विलय के साथ जदयू की नींव पड़ी थी। न्याय के साथ विकास की बात तो नीतीश कुमार पहले से करते थे। जदयू का सूत्र वाक्य भी यही नारा बना। उस दिन से आज तक शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जब जदयू ने सार्वजनिक मंच पर सुशासन और न्याय के साथ विकास का उदघोष नहीं किया हो। लेकिन, पार्टी के गठन की 19 वीं वर्षगांठ पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने सुशासन और न्याय के साथ विकास के पहले सामाजिक जोड़ कर राजद के और करीब आने का संकेत दिया है।
ललन सिंह ने क्या लिखा
सिंह ने रविवार को अपने फेसबुक पर पोस्ट के माध्यम से पार्टी से जुड़े लोगों को बधाई दी। उन्होंने लिखा-जनता दल यूनाइटेड के 19 वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर बिहार व देश भर के कार्यकर्ता साथियों एवं आदरणीय नेता नीतीश कुमार जी को हृदय से बधाई, आभार एवं शुभकामनाएं। सब मिल कर सामाजिक न्याय के साथ विकास की त्वरित गति में बिहार को विकसित प्रदेश बना कर रहेंगे। नारे की एकजुटता से यह कयास तेज हो गया है कि यह करीबी नारा के अलावा नाम और निशान की एकरूपता के तौर पर भी सामने आ सकती है।