Lalan Singh के इस्तीफे की इनसाइड स्टोरी, ब्रांड नीतीश ने I.N.D.I.A को भी दे दिया बड़ा संदेश
ललन सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफा देते ही पार्टी की कमान अब नीतीश कुमार के हाथों में आ गई है। ललन सिंह के इस्तीफे की पटकथा अचानक नहीं लिखी गई। इसकी तैयारी पहले ही हो गई थी। दूसरी ओर जदयू का अध्यक्ष बन नीतीश कुमार ने आईएनडीआईए को भी बड़ा संदेश दे दिया है।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Lalan Singh And Nitish Kumar दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में शुक्रवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बस आधे घंटे के भीतर ब्रांड नीतीश की जय-जय के बीच एक साथ कई संदेश काफी सहजता से जारी हो गए। सभी का सीधा संबंध ब्रांड नीतीश से है। आईएनडीआईए की दिल्ली बैठक में पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पीएम पद के लिए आगे कर दिया था।
इसके बाद यह बात सार्वजनिक हुई कि नीतीश कुमार किनारे कर दिए गए। जदयू नेताओं ने सार्वजनिक रूप से ममता बनर्जी के स्टैंड का विरोध भी किया था। वैसे नीतीश कुमार ने खुद के नाराज रहने की बात से इनकार किया था। वहीं, कांस्टीट्यूशन क्लब में फिर से जिस अंदाज में नीतीश कुमार की जय-जय के बाद जदयू का उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया उसके माध्यम से आईएनडीआईए (I.N.D.I. Alliance) को संदेश सीधे तौर स्पष्ट संदेश भी गया।
नीतीश के बगैर आगे नहीं बढ़ेगी बात
यह बात बताई गई कि सीटों की संख्या के लिहाज से महत्वपूर्ण बिहार में बगैर नीतीश कुमार के बात आगे नहीं बढ़ने वाली है। चेहरा तो वही हैं। हाल के दिनों में इस बात की भी चर्चा होने लगी थी कि नीतीश कुमार स्वस्थ नहीं हैं। मगर जिस तरह जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में काफी सहजता के साथ ललन सिंह द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया उसे मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है।तुरंत नहीं लिखी गई ललन के इस्तीफे की पटकथा
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के एक दिन पहले पटना में नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से यह कहा कि सब कुछ नॉर्मल है। एक साल के अंदर राष्ट्रीय कार्यकारिणाी तो होती ही है। वहीं, जब बैठक शुरू हुई तो जदयू के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कयासों के अनुरूप अपने संबोधन में अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। वहां मौजूद लोगों ने नीतीश कुमार को अध्यक्ष पद संभालने का नारा लगाया और नीतीश कुमार ने उसे तुरंत स्वीकार कर लिया। यह पटकथा तुरंत नहीं लिखी गई।
जाति आधारित गणना भी बड़ा फैक्टर
जाति आधारित गणना भी एक बड़ा फैक्टर नजर आया। जाति आधारित गणना मुख्य रूप को नीतीश कुमार ने आगे किया। इसकी रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि बिहार पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या अधिक है। ऐसे में जदयू नेतृत्व को शायद यह अटपटा लग रहा होगा कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की कमान एक सवर्ण जाति के नेता के हाथ में हो।वैसे जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के तुरंत बाद यह कहा कि ललन सिंह पहले की ही तरह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। इस महीने के तुरंत बाद आईएनडीआईए में सीट शेयरिंग को ले महत्वपूर्ण बैठक शुरू होगी। ऐसे में अब ब्रांड नीतीश का इसमें प्रत्यक्ष हस्तक्षेप होगा। यह नहीं कि कोई दूसरा व्यक्ति अपने हिसाब से इस मुद्दे को फाइनल टच देगा।
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