Move to Jagran APP

Bihar Caste Census: 'प्रधानमंत्री कभी चायवाला तो कभी अति पिछड़ा बनकर...', JDU अध्यक्ष ललन सिंह की PM Modi पर तीखी टिप्पणी

Bihar Politics जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जातिगत सर्वे पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। ललन सिंह ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने ही गरीब और अति पिछड़े के साथ न्याय किया है। प्रधानमंत्री को कभी चायवाला बनकर तो कभी अति पिछड़ा बनकर सिर्फ लोगों के वोट लेते हैं और विकास अपने खास-खास लोगों का करते हैं।

By Arun AsheshEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 02:37 PM (IST)
Hero Image
'प्रधानमंत्री कभी चायवाला तो कभी अति पिछड़ा बनकर...', ललन सिंह की PM Modi पर तीखी टिप्पणी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। Lalan Singh On PM Modi जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा है कि आरक्षण की सीमा बढ़ाने और हर गरीब परिवार को दो-दो लाख रुपया देने का निर्णय सबके हित में है। यह बताता है कि न्याय के साथ विकास महागठबंधन सरकार का केवल नारा नहीं है। सरकार इसे सरजमीन पर उतारती भी है।

बुधवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ललन सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना के आधार पर राज्य सरकार ने सभी वर्ग के हितों का ख्याल रखा है। जनसंख्या के अनुपात में सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दायरा बढ़ाया जा रहा है। बिना किसी भेदभाव के राज्य के 94 लाख से अधिक गरीब परिवारों को उद्यम के लिए मुफ्त दो लाख रुपया देने का निर्णय किया गया है।

'प्रधानमंत्री कभी चायवाला बनकर तो कभी...'

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ केंद्र की भाजपा सरकार सरकार सबका साथ, सबका विकास का नारा देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी चायवाला बनकर तो कभी अति पिछड़ा (OBC) बनकर वह वोट सबका ले लेते हैं, लेकिन सबके बदले खास-खास लोगों का विकास करते हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जनता केंद्र सरकार और भाजपा से प्रश्न करे कि वह विकास किसका करती है।

नीतीश ने दिया सरकारी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव

बता दें कि जाति आधारित गणना के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने यह प्रस्ताव विधानसभा में मंगलवार को विचार के रूप में रखा। कहा कि गणना की रिपोर्ट से राज्य की गरीबी जाहिर होती है। केंद्र सरकार अगर बिहार को विशेष दर्जा दे तो गरीबी जल्द दूर होगी।

विधानसभा में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार आरक्षण दायरा बढ़ाने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति को 20 और अनुसूचित जनजाति को दो प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसमें आर्थिक रूप से पिछड़ों यानी ईडब्लूएस के 10 प्रतिशत आरक्षण को जोड़कर आरक्षण का कुल दायरा 75 प्रतिशत हो जाएगा।

ये भी पढ़ें- Bihar Reservation: आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने का BJP का करेगी समर्थन, सम्राट चौधरी बोले- NDA की सरकार में हुआ था फैसला

ये भी पढ़ें- 'सत्ता की मलाई चखना चाहते हैं नीतीश...', जातिगत सर्वे पर Prashant Kishor का बड़ा बयान; 2024 को लेकर दी चेतावनी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।