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बिहार में पहले दिन क्यों नहीं हुई आडवाणी की गिरफ्तारी? इस RJD नेता ने बताया किस्सा, यहां पढ़ें PM से लालू की क्या हुई थी बात

Bihar Politics भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को आज भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस मौके पर राजद के एक दिग्गज नेता ने दिलचस्प किस्सा सुनाया है। उन्होंने इस बात का जवाब दिया है कि आडवाणी को बिहार में आने के पहले ही दिन क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया था। वे राजधानी एक्सप्रेस से आए थे। लालू प्रसाद सात महीना पहले मुख्यमंत्री बने थे।

By Arun Ashesh Edited By: Mukul KumarUpdated: Sat, 03 Feb 2024 07:16 PM (IST)
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लाल कृष्ण आडवाणी और लालू प्रसाद यादव। फोटो- जागरण

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण में महती योगदान के लिए जब कभी उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) की चर्चा हो, बिहार में उनके रथ को रोकने की घटना के विवरण के बिना वह पूरी नहीं हो सकती है।

शनिवार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया, फिर 24 अक्टूबर 1990 में राज्य के समस्तीपुर में हुई उनकी गिरफ्तारी की याद ताजा हो गई। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) बताते हैं-बिहार में रथयात्रा की शुरुआत 19 अक्तूबर 1990 को धनबाद से हुई थी। वे राजधानी एक्सप्रेस से आए थे।

लालू प्रसाद (Lalu Yadav) सात महीना पहले मुख्यमंत्री बने थे। यात्रा को लेकर बहुत उहापोह की स्थिति थी। योजना थी कि राजधानी एक्सप्रेस जैसे ही बिहार की सीमा में प्रवेश करे, उसे रोककर आडवाणी को वहीं उतार लिया जाए।

वीपी सिंह ने लालू को किया था फोन

इसकी जवाबदेही तत्कालीन गृह सचिव आर के सिंह (अभी केंद्रीय मंत्री) और तत्कालीन आईजी रामेश्वर उरांव ( झारखंड सरकार के मंत्री) को दी गई थी। दोनों अपनी जगह पहुंच भी गए थे। लेकिन दिल्ली से प्रधानमंत्री ( वीपी सिंह) का फोन आ गया कि फिलहाल उनको आगे बढ़ने दिया जाए। तिवारी उस समय मुख्यमंत्री निवास में ही थे।

उन्होंने बताया कि 19 अक्तूबर 90 को राजधानी एक्सप्रेस से आडवाणी धनबाद उतरे। भीड़ वहां स्वागत के लिए खड़ी थी। अफजल अमानुल्ला वहां डीसी थे। उनको कहा गया कि वे आडवाणी को गिरफ़्तार करें। उस समय के माहौल में यह संभव नहीं था। वहां से रथ यात्रा पटना के लिए चली।

रास्ते में कोशिश हुई कि कानून व्यवस्था का सवाल बना कर यात्रा को रोक दिया जाए। बाद में आडवाणी और प्रमोद महाजन को 24 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर में गिरफ्तार कर बिहार सरकार के हेलीकाप्टर से दुमका के मसानजोर पहुंचाया गया।

वहां के सरकारी गेस्ट हाउस में उन्हें रखा गया। उस समय समस्तीपुर के डीएम आर के सिन्हा और एस पी सुनील कुमार थे। तिवारी ने कहा कि आडवाणी की गिरफ्तारी ने लालू प्रसाद को हीरो बना दिया।

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