Lalu Yadav: 'दिल्ली में गिड़गिड़ाने से कुछ नहीं मिलता', लालू ने नीतीश को पढ़ाया 'हक' वाला पाठ; पुरानी बात भी याद दिलाई
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को नसीहत देते हुए कहा है कि दिल्ली में हक को मांगना नहीं बल्कि छीनना पड़ता है। सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लालू यादव ने अपने पुराने कामों को याद किया। पोस्ट में उन्होंने नीतीश कुमार पर यूपीए काल में मिली राशि से अपना चेहरा चमकाने का भी आरोप लगाया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद (Lalu Yadav) ने बुधवार को अपने रेल मंत्रित्व काल को याद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में चुनौतियों के बावजूद सारण के दरियापुर में रेल व्हील प्लांट की स्थापना की गई। यहां अबतक रिकॉर्ड दो लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है।
रेल मंत्री रहते इस प्लांट आधारशिला 29 जुलाई 2008 में रखी थी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
पुराने दिनों को याद करते हुए लालू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर भी हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि एनडीए के 10 वर्षों में बिहार को कोरी घोषणाओं के अलावा क्या मिला? नीतीश कुमार इस बारे में बताएं।
रेल पहिए का निर्माण रेलवे के लिए वरदात
लालू प्रसाद बुधवार को अपने एक्स पर एक लंबी पोस्ट डाली और कहा कि बिहार में रेल के पहिए का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए एक वरदान साबित हुआ।
अब मेड इन बिहार रेल पहिये भारतीय रेलवे की रफ्तार भरने में रिकॉर्ड बना देश के विकास में अहम योगदान दे रहे है।
अबतक 2 लाख से अधिक रेल पहियों का निर्माण
उन्होंने कहा कि बिहार के बेला स्थित रेल व्हील प्लांट द्वारा अबतक 2 लाख से अधिक रेल पहियों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे भारतीय रेलवे की विदेशों पर निर्भरता कम हो गई।मुझे यह बताते प्रसन्नता हो रही है कि हमारे द्वारा बिहार में स्थापित बेला रेल व्हील प्लांट देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बिहार में औद्योगीकरण को किया जीवित
उन्होंने कहा कि 2004-05 में स्वीकृत तथा जुलाई 2008 में शुरू हुआ रेल पहिया प्लांट का निर्माण हमारे द्वारा बिहार में औद्योगीकरण को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।इतिहास में ऐसा पहली बार
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब बिना किसी विदेशी सहयोग के एक अत्यधिक परिष्कृत कारखाना देश में स्थापित किया गया था। यह रेलवे इंजीनियरों की इन-हाउस क्षमता और विशेषज्ञता के कारण संभव हुआ। उन्होंने कहा कि चारों तरफ नदियों से घिरा रहने और पानी लगने के कारण कारख़ाना स्थापित करने के लिए यह स्थल चुनौतियों से भरा था लेकिन अपनी इच्छा शक्ति के दम पर हमने सभी कठिनाइयों को पार किया।आपको बताते खुशी हो रही है कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है।हमने रेल मंत्री रहते इसकी आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी थी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
बिहार में रेल के पहिए का… pic.twitter.com/xEzEDffy6s
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 14, 2024