Lalu Yadav ने 2024 के लिए तैयार किया 'मास्टर प्लान', 40 सीटों पर इस फॉर्मूले को अपनाएगी RJD; 'लाठी वाली छवि' से भी मिलेगी मुक्ति
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से राजनीतिक पार्टियों की तैयारी शुरू हो गई है। लालू यादव की पार्टी राजद भी पूरे फोकस के साथ रणनीति बनाने में जुट गई है। लालू यादव ने चुनाव से पूर्व मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया है। इस बार पार्टी एमवाई से आगे निकलकर ए टू जेड की पार्टी बनने की दिशा में काम करेगी।
सुनील राज, पटना। Lalu Yadav Plan For Lok Sabha Elections अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए तमाम पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं। तमाम दल अभी से अपनी चुनावी रणनीति बनाने और उसे अमल में लाने में जुट गए हैं। चार राज्यों में विधानसभा चुनाव और उसके परिणामों को देखते हुए बिहार के सत्तारूढ़ दल अपनी रणनीति पर नए सिरे से मंथन कर रहे हैं। इसमें लालू यादव की पार्टी राजद (Lalu Yadav Party RJD) की सक्रियता कुछ अधिक है।
राजद जहां एक ओर एमवाई से आगे निकल कर ए टू जेड की पार्टी के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है। वहीं, अब पार्टी ने चुनाव में अपनी जमीन को और पुख्ता करने के लिए पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों में काफी बदलाव किए हैं। राजद के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो पार्टी एक साथ कई मोर्चों पर अपने आपको मजबूत करने में जुटी है। फिलहाल, सर्वाधिक फोकस लोकसभा की 40 सीटों पर सहयोगियों के साथ तालमेल को लेकर है।
40 सीटों पर करवाया जा रहा सर्वे
2019 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षाकृत इस बार परिस्थितियां थोड़ी अलग हैं। जदयू जैसा संगठन राजद के साथ है। पिछली बार जदयू एनडीए का हिस्सा था। इस चुनाव में राजद, कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों वाले महागठबंधन को बिहार में बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था। राजद का चुनाव में खाता भी नहीं खुला था। सिर्फ कांग्रेस एक सीट जीतने में सफल रही थी। इन तमाम मुद्दों को देखते हुए राजद लोकसभा की सभी 40 सीटों का सर्वे करा रहा है।
असल में सर्वे में यह जानने की कोशिश है कि राजद किन लोकसभा सीटों पर मजबूत स्थिति में है और कहां उसके सहयोगी। सूत्रों की मानें तो इस काम के लिए पार्टी ने निजी एजेंसी का सहयोग लिया है। सर्वे के नतीजों के आधार पर राजद सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर बात करेगा। सहयोगियों के सामने भी सर्वे रिपोर्ट रखी जाएगी।
क्या है RJD का प्लान?
सीट सर्वे के साथ पार्टी ने सभी राष्ट्रीय और प्रांतीय प्रवक्ताओं को यह जिम्मा सौंपा है कि वे राज्य में बढ़ाए गए आरक्षण दायरे के साथ सरकार द्वारा हाल में दी गई नौकरियों के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। दूसरी ओर पार्टी अपनी 'लाठी छवि' से बाहर आने के लिए प्रदेश स्तर पर लगातार बुद्धिजीवी वार्ताएं भी आयोजित कर रही है। जिसके जरिये अलग ही संदेश देने की कोशिश है।
पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि जड़ें मजबूत हो तभी पेड़ आंधी का वार भी सह लेता है। हमारी पार्टी की नीति भी यही रही है। समाज में दलित-वंचितों के साथ सवर्णों को भी हम लेकर चलने में विश्वास करते हैं। प्रदेश सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाया है। लगातार रोजगार और सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं। 2025 तक 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य है। हमारी तैयारी सभी सीटों पर सहयोगियों के साथ विजय की है और पार्टी इसके लिए हर संभव काम कर रही है।
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