Lalu Yadav : लालू यादव के लिए चुनौती बने उनके ही 'सिपहसालार', इन 4 सीटों पर बिगड़ रहा 'खेल'
पांचवे छठे एवं सातवें चरण के रण में और भी कई धुरंधर हैं जो राजद के लिए परेशानी के सबब बन सकते हैं। ये सभी कभी लालू यादव के खास हुआ करते थे। वर्तमान समीकरण में कोई खुलकर को तो कोई अंदरखाने राजद प्रत्याशी के विरुद्ध सक्रिय हैं। इसमें सबसे मुखर राजद के महनार से विधायक बीना देवी के पति रामा सिंह हैं।
रमण शुक्ला, पटना। Bihar Lok Sabha Election 2024 18वीं लोकसभा के 'रण' में राजद प्रमुख लालू यादव के लिए उनके ही सिपहसालार चुनौती बने हुए हैं। वह सीधे-सीधे चार सीटों पर राजद प्रत्याशी के विरुद्ध चुनावी 'खेल' बिगाड़ रहे हैं। इसमें सारण में लालू के समधी चंद्रिका यादव, वैशाली एवं हाजीपुर में पूर्व सांसद रामा सिंह जबकि पाटलिपुत्र में रामकृपाल यादव हैं।
यही नहीं, पांचवे, छठे एवं सातवें चरण के रण में और भी कई धुरंधर हैं जो राजद के लिए परेशानी के सबब बन सकते हैं। ये सभी कभी लालू यादव के खास हुआ करते थे। वर्तमान समीकरण में कोई खुलकर को तो कोई अंदरखाने राजद प्रत्याशी के विरुद्ध सक्रिय हैं। इसमें सबसे मुखर राजद के महनार से विधायक बीना देवी के पति रामा सिंह हैं।
वैशाली-हाजीपुर में रामा की बगावत
रामा वैशाली संसदीय सीट पर राजद से टिकट के दावेदार थे। बात नहीं बनी। अब राजद छोड़कर लोजपा (आर) प्रमुख व हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी चिराग पासवान को विजयी बनाने में पसीना बहा रहे हैं। चिराग के लिए दिनरात एक कर हर हाल में जीत सुनिश्चित करने में जुटे हैं। रामा की दो सीटों पर सीधे-सीधे अच्छी पकड़ है। इसमें वैशाली से वे स्वयं सांसद रहे हैं। जबकि हाजीपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत महनार विधानसभा क्षेत्र से उनकी पत्नी विधायक है।
इस वजह से हाजीपुर में रामा सिंह राजद प्रत्याशी शिवचंद्र राम को हराने एवं चिराग की जीत पक्की करने में जुटे हैं। वहीं, वैशाली में रामा सिंह लोजपा की प्रत्याशी वीणा देवी को विजयी बनाने के लिए राजद के प्रत्याशी विजय कुमार शुक्ला ऊर्फ मुन्ना शुक्ला को हराने की अपील कर रहे हैं। अब बात सारण संसदीय क्षेत्र की।
सारण में समधी बने मुसीबत
सारण लोकसभा क्षेत्र में कभी लालू यादव समधी रहे पूर्व मंत्री चंद्रिका राय राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्या को हराने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं।
बता दें कि चंद्रिका राय लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर हैं। वह लालू की बड़ी बहु ऐश्वर्या राय के पिता हैं। चंद्रिका के भितरघात से राजद प्रत्याशी की परेशानी बढ़ती जा रही है। रोहिणी के पक्ष में तैयार मतदाताओं को तोड़ने ही के साथ ही चंद्रिका ने रुडी की जीत की राह आसान बना दी है।
लालू के सामने साख बचाने की चुनौती है, क्योंकि वह स्वयं सारण सीट से सांसद रहे हैं। अबकी बार विदेश में रह रही बेटी को चुनाव मैदान में उतार कर सारण संसदीय क्षेत्र की लड़ाई को राजद प्रमुख ने दिलचस्प बना दी है।
पाटलिपुत्र में रोचक हुई लड़ाई
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के सामने पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर लगातार तीसरी बार लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनाव लड़ रहीं हैं। मीसा के साथ लालू परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। लालू के कभी हनुमान रहे रामकृपाल जहां हैट ट्रिक लगाने के लिए हर मोहरे को आजमा रहे हैं।
वहीं, मीसा ने भी मुंह बोले चाचा (रामकृपाल) को लगातार तीसरी बार संसद पहुंचने से रोकने के लिए मतदाताओं को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इस बार राजद प्रत्याशी के तौर पर मीसा के साथ मजबूत पक्ष यह है कि इस संसदीय क्षेत्र के छह विधानसभा सीटों पर आइएनडीआइए के विधायक हैं। पर क्षेत्र में रामकृपाल की लोकप्रियता मीसा की तुलना कहीं ज्यादा है।
यही वजह है कि यादव बहुल इस क्षेत्र में स्वजातीय मतदाताओं के साथ भाजपा के कोर वोट बैंक को साधकर रामकृपाल इतिहास रचने में जुटे हैं।
दानापुर और मनेर से राजद के विधायक हैं। पालीगंज, फुलवारी और मसौढ़ी से भाकपा माले के विधायक और विक्रम विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हैं। हालांकि विक्रम विधानसभा के वर्तमान कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सौरभ अब भाजपा खेमे में हैं। इस कारण रामकृपाल की स्थिति मजबूत हुई है।
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