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Bihar Floor Test: ऑपरेशन लोटस से लालू के लालटेन की लौ पड़ी मद्धिम, राजद 'खेला' करने में हुई फेल

लालटेन सिंबल पर चुनकर विधानसभा पहुंचे तीनों विधायकों (प्रहलाद यादव नीलम देवी एवं चेतन आनंद) ने पलटी मार दी। भाजपा के करिश्माई नेतृत्व ने विपक्ष को करारा झटका दिया। हालांकि राजद नेतृत्व सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले ही नीलम देवी एवं चेतन आनंद को लेकर आशंकित था लेकिन प्रहलाद यादव को लेकर तेजस्वी को ऐसी आशंका नहीं थी।

By Raman Shukla Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 12 Feb 2024 11:45 PM (IST)
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ऑपरेशन लोटस से लालू के लालटेन की लौ पड़ी मद्धिम, राजद 'खेला' करने में हुई फेल
रमण शुक्ला, पटना। बिहार की राजनीति में शह-मात के बीच आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में नौंवी बार अपनी सरकार की विश्वसनीयता प्राप्त करने में सफल हो गए। इस खेल में ऑपरेशन लोटस के आगे लालटेन की लौ मद्धिम पड़ गई। महागठबंधन की ओर से नई सरकार के विश्वासमत प्राप्त करने से पहले खेला करने का दावा फेल हो गया। विधानसभा में राजद को बड़ा झटका लगा। सदन में तेजस्वी के नेतृत्व को ठुकराकर तीन विधायकों ने सत्ता की बागडोर थाम ली।

लालटेन सिंबल पर चुनकर विधानसभा पहुंचे तीनों विधायकों (प्रहलाद यादव, नीलम देवी एवं चेतन आनंद) ने पलटी मार दी। भाजपा के करिश्माई नेतृत्व ने विपक्ष को करारा झटका दिया। हालांकि राजद नेतृत्व सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले ही नीलम देवी एवं चेतन आनंद को लेकर आशंकित था, लेकिन प्रहलाद यादव को लेकर तेजस्वी को ऐसी आशंका नहीं थी। 

भाजपा इस पाला बदल को इसे सीधे-सीधे राजद के परिवारवाद एवं वंशवाद को चुनौती बता रही है। महत्वपूर्ण यह कि तमाम जोड़-तोड़ के बीच सत्ता पक्ष अपने विधायकों को टूटने से बचाने में सफल रहा। विलंब से ही सही, लेकिन जदयू के सुरसंड विधायक दिलीप राय को छोड़कर राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सभी विधायक सदन में तमाम झंझावात के बाद पहुंच गए।

अब राजग से बगावती तेवर दिखाने वाले विधायकों को जदयू की बीमा भारती, दिलीप राय, डॉ. संजीव की खैर नहीं है। ऐसा ही हश्र भाजपा के प्रशिक्षण शिविर व विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार करने वाली भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा एवं मिश्रीलाल यादव का होगा। राजग की ओर से बगावती विधायकों पर नकेल की कार्रवाई शीघ्र शुरू होगी। सदस्यता गंवाने की हद तक भी कार्रवाई हो सकती है। साथ ही दंड स्वरूप भारी फजीहत भी झेलनी होगी।

राजद के तीनों विधायकों की सदस्यता का नहीं है खतरा

राजद का दामन छोड़कर राजग से जुड़ने वाले तीनों विधायकों की सदस्यता भी बचाने का सरकार पूरा प्रयास करेगी। बगावत करने वाले तीनों विधायकों को इनाम भी मिल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष अपनी रणनीति से शेष डेढ़ वर्ष का कार्यकाल अदालती दांव-पेच में खपा सकते हैं। इस बीच अगले वर्ष यानी 2025 के सितंबर-अक्टूबर तक चुनाव की घोषणा संभव है। ऐसे में सत्ता से जुड़ने का कई स्तर पर तीनों विधायकों को लाभ मिलने की उम्मीद भी बंध गई है।

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