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Lalu Yadav: 'अब कहीं ये रेल की पटरियां न बेच दें', लालू यादव ने क्यों कह दी ऐसी बात? नए मुद्दे से गरमाई सियासत

बिहार के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने रेल हादसों और रेलवे के घाटे को लेकर केंद्र की एनडीए सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में रेल किराया बढ़ा स्टेशन बेचे गए जनरल बोगियां घटाई गईं और बुजुर्गों को मिलने वाला लाभ भी खत्म कर दिया गया। लालू ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

By Sunil Raj Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 06 Oct 2024 11:45 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश का विपक्ष सरकार के कामकाज के साथ बढ़ रहे अपराध और पुल-पुलिया के गिरने जैसे मसलों को लेकर लगातार हमलावर है। राष्ट्रीय जनता दल अफसरों की मनमानी जैसे मसलों को लेकर भी कई दिनों से सरकार की घेराबंदी कर रहा है। 

अब राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने नए मुद्दे को लेकर एनडीए सरकार को घेर लिया है। लालू प्रसाद ने आए दिन हो रहे रेल हादसे और रेलवे के लगातार घाटे में चलने की खबरों के बीच केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाए हैं।

उन्होंने रविवार को अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट डाल कर कहा कि इनकी मंशा ठीक नहीं है। दस वर्षो में इनकी क्या उपलब्धि है?

लालू प्रसाद ने अपने एक्स पर लिखा कि 10 वर्षो में मोदी की एनडीए सरकार ने रेल का किराया बढ़ा दिया। स्टेशन बेच दिए, जनरल बोगियां घटा दीं। बुजुर्गों को मिलने वाला लाभ खत्म कर दिया। सेफ्टी-सिक्योरिटी घटाने पर रोज हादसे हो रहे हैं, फिर भी ये कहते हैं रेलवे घाटे में हैं। अब ये कही रेल की पटरियां न बेच दें।

थके नेता व सेवानिवृत्त अधिकारी सर्वेसर्वा बन बिहार को पीछे धकेल रहे : तेजस्वी

भाजपा सांसद अशोक यादव ने बिहार में अफसरशाही के कारण जन-प्रतिनिधियों की विवशता का उल्लेख किया है। वे हुक्म देव नारायण यादव के पुत्र हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उस वक्तव्य का हवाला देते हुए सरकार के रुख-रवैये की आलोचना की है।

शनिवार को बयान जारी कर तेजस्वी ने कहा कि दो बार के केंद्रीय मंत्री, छह बार सांसद और तीन बार विधायक रहे राजनेता का सांसद पुत्र अगर ऐसी बात कर रहे तो सरकार की सच्चाई को सहजता से समझा जा सकता है। दरअसल, थके हुए नेता और सेवानिवृत्त अधिकारी सर्वेसर्वा बन बिहार को पीछे धकेल रहे हैं।

तेजस्वी का कहना है कि थाना व प्रखंड कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। रिश्वत के बिना बिहार में किसी का काम नहीं होता। सार्वजनिक रूप से भले कोई नहीं कहे, लेकिन सत्ताधारी गठबंधन के विधायक भी अपने क्षेत्र में मनचाहे अधिकारियों के स्थानांतरण व आवश्यक कार्यों के लिए भेंट चढ़ाते है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परम दुलारे अधिकारी सांसदों-विधायकों को प्रणाम करना तो दूर, उनका फोन तक नहीं उठाते। कुर्सी के लिए नीतीश कुमार स्वयं तो बेबस, बेचारे व असहाय बन गए हैं, लेकिन बिहार पर अपनी बेचारगी क्यों थोप रहे है। 

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