Tejashwi Yadav: चुनाव में तेजस्वी के सामने क्या है बड़ी चुनौती? इतिहास दोहराने की फिराक में जुटी RJD; इस रणनीति पर करेगी काम
Bihar Politics लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं बचा है। इसको लेकर बिहार में सभी पार्टियां ऐक्टिव हैं। बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के बाद भी राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के हौसले पस्त नहीं हुए हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर वे दिन-रात रणनीति बना रहे हैं। उनका मंसूबा 2024 में 2004 का इतिहास दोहराने का है।
सुनील राज, पटना। Bihar Political News In Hindi बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के बाद भी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के हौसले पस्त नहीं हुए हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर वे दिन-रात रणनीति बना रहे हैं। उनका मंसूबा 2024 में 2004 का इतिहास दोहराने का है।
पार्टी ने भी तेजस्वी के युवा कंधों पर जीत की बड़ी जिम्मेदारी डाल दी है, लेकिन यह कड़वा सच है कि 2024 का चुनाव बेहद अहम होने जा रहा है। तेजस्वी पर चुनौतियां के बीच से नई राह निकालने की बड़ी जवाबदेही होगी।
बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद बाद राजद 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls) में अधिक से अधिक सीटों पर दांव लगाने की कोशिश में जुटा है। लेकिन सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे से लेकर जीत का परचम बुलंद करने तक के लिए कड़ी मेहनत और अनुशासन की जरूरत होगी।
15 साल में गिरा ग्राफ
पार्टी यह भी आकलन कर रही है कि यह काम इतना आसान नहीं होगा। बीते 15 सालों में उसके ग्राफ में काफी गिरावट आई है। लोकसभा में पार्टी का फिलहाल कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
इतिहास बताता है कि 1998 से लोकसभा चुनाव का सफर शुरू करने वाले दल राजद ने पहली ही बार में 17 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। पार्टी का वोट प्रतिशत भी करीब 26.6 प्रतिशत था। लेकिन अगले ही साल 1999 में चुनाव की नौबत पड़ गई और इस चुनाव राजद को बड़ा झटका लगा।
पहली बार में 17 सीट जीतने वाली पार्टी सात सीटों पर सिमट गई। लेकिन 2004 के चुनाव में राजद ने शानदार सफलता हासिल की। इस चुनाव पार्टी ने 24 लोकसभा सीटें जीती। पार्टी का वोट प्रतिशत भी करीब-करीब 31 प्रतिशत हो चुका था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।