लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा, अब 10 जनवरी को पटना में होगी पेशी
देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है। अब एक अन्य मामले में उन्हें पटना की अदालत में पेश किया जायेगा।
By Ravi RanjanEdited By: Updated: Sun, 07 Jan 2018 04:29 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की कैद और 5 साल का जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही अन्य अरोपी महेंद्र, राजाराम, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार को भी साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख जुर्माना। फूलचंद, महेश और बेक जूलियस को साढ़े तीन साल की कैद और 5 लाख जुर्माना। सुनील गांधी, त्रिपुरारी, अजय अग्रवाल, गोपीनाथ को 7 साल की कैदी और 10 लाख जुर्माना तथा जगदीश शर्मा को सात साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना हुआ।
रांची जेल में बंद लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा होने के बाद अब उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट में जाना होगा। वहीं, चारा घोटाला के ही एक अन्य मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद सहित नौ आरोपितों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर सभी को 10 जनवरी को कोर्ट में पेश करने को कहा गया है। सभी आरोपित अभी रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में हैं।यह भी पढ़ें: जब लालू यादव के मामले को नरम करने के लिए खुद पीएम ने CBI पर डाला दबाव
रांची की विशेष सीबीआइ अदालत ने देवघर ट्रेजरी से जुड़े चारा घोटाले के मामले में सभी को गत 23 दिसम्बर को दोषी पाया था। तब से सभी जेल में हैं। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी ने बिरसा मुंडा केन्द्रीय जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि वे आरोपितों को पटना की विशेष अदालत में 10 जनवरी को पेश करें।लालू प्रसाद के अलावा जगदीश शर्मा, बेक जुलियस, फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुनील सिन्हा, सुशील सिन्हा और डॉक्टर आरके राणा को पेश करने का आदेश दिया गया है। मुकदमे में प्रतिदिन सीबीआइ की ओर से गवाही दिलाई जा रही है जो आरोपी बिरसा मुंडा जेल में हैं उनकी उपस्थिति कोर्ट में नहीं रहने के कारण ट्रायल बाधित हो गया है। जब तक उनकी पेशी नहीं होगी तब तक मुकदमे की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ेगी।
वर्तमान में 28 आरोपित मुकदमे का सामना कर रहे हैं। हालांकि 2003 में सीबीआइ ने 44 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। उनमें से एक सीबीआइ का गवाह बन गया जबकि शेष की मृत्यु ट्रायल के दौरान हो गई। अभी तक सीबीआइ 75 गवाह अदालत में उपस्थित करा चुकी है। संबंधित घोटाला 46.98 लाख रुपये का है।
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