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Land For Job Case: लालू-तेजस्वी और तेजप्रताप को बड़ी राहत, कोर्ट ने दी जमानत; अब 25 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

Bihar Politics News In Hindi लैंड फॉर जॉब मामले (Land For Job Case) में राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) और उनके दो बेटों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। लालू यादव दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए थे।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 07 Oct 2024 10:58 AM (IST)
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लालू-तेजस्वी और तेजप्रताप को बड़ी राहत। फाइल फोटो

डिजिटल डेस्क, पटना। नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके दोनों बेटों को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी है। अब इस मामले में 25 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू यादव दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए थे।

बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने समन जारी किया था। इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा था इस मामले में तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि वह भी एके इंफोसिस लिमिटेड के डायरेक्टर थे। इसलिए उन्हें भी इस मामले को लेकर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया। 

— ANI (@ANI) October 7, 2024

नेताओं ने क्या कहा?

कोर्ट का निर्णय आने के बाद पार्टी के अनेक नेताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है। 

पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कोर्ट का निर्णय आने के बाद कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, परंतु पराजित नहीं।

उन्होंने कहा कि यह कहावत उस वक्त चरितार्थ हो गई, जब राउज एवेंयू कोर्ट ने हमारे नेता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार को जमानत देकर साबित कर दिया कि लालू परिवार पर जो आरोप लगाए गए हैं प्रथम दृष्टया: उसमें कोई आधार नहीं है।

कोर्ट के निर्णय से राजद परिवार के साथ बिहार का एक-एक नागरिक खुश है। हमारे नेता के खिलाफ साजिश चल रही थी कि चुनाव के पहले हमारे नेता और उनके परिवार के लोग जेल चले जाएं वह साजिश कोर्ट ने विफल कर दी है।

यहां समझें पूरा मामला

लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि साल 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने अभ्यर्थियों से जमीन लेकर नौकरी दी है। सीबीआई ने यह आरोप लगाया है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने 18 मई, 2022 को केस दर्ज किया था।

पिछले साल 10 अक्टूबर को इस मामले में आरोपपत्र दायर कर 16 लोगों को आरोपित बनाया गया था। सीबीआई का आरोप है कि साल 2007 में एक निजी कंपनी के नाम पर 10.83 लाख रुपये में एक भूमि पार्सल खरीदा गया था और बाद में वह भूमि भी जब्त कर ली गई।

जांच एजेंसी को एक हार्ड डिस्क भी मिला था। इसमें नियुक्ति पाने वाले कैंडिडेटों की लिस्ट थी। इस हार्ड डिस्क के मिलने से हड़कंप मच गया।

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