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Land For Job Scam : लालू यादव को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश, नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बढ़ी मुश्किल

Land For Job Scam बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार की नौकरी के बदले जमीन घोटाले में मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अब उन्हें और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है। समन में सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।

By Yogesh SahuEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 22 Sep 2023 12:15 PM (IST)
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Land For Job Scam : लालू यादव को नौकरी के बदले जमीन घोटाले में भेजा समन
एएनआई, नई दिल्ली/पटना। बिहार में राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) की नौकरी के बदले जमीन घोटाले (Land For Job Scam) में मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अब उन्हें समन भेजकर पेश होने के लिए कहा है।

बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू यादव (RJD Leader Lalu Yadav) के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों, रेलवे के पूर्व अधिकारियों और अन्य आरोपियों समेत कुल 17 लोगों को यह समन भेजा गया है। इन सभी को चार अक्टूबर को पेश होने के लिए कोर्ट ने कहा है।

बता दें कि लालू यादव इस मामले में अभी जमानत पर बाहर हैं। इस मामले में उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और अन्य रेलवे अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।

आरोप पत्र में लालू परिवार के सदस्यों का नाम

मामले की जांच कर रही एजेंसी सीबीआई ने इस कथित घोटाले में इसी साल लालू परिवार (Lalu Family) के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था।

बता दें कि बीते गुरुवार (21 सितंबर) को ही दिल्ली की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई थी। इस दौरान जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने कोर्ट को बताया था कि पूर्व रेल मंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) से जुड़े नौकरी के बदले जमीन घोटाले (Land For Job Scam) में तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी मिल गई है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को बताया था कि महीप कपूर, मनोज पांडे और पीएल बनकर के संबंध में यह मंजूरी सक्षम अधिकारियों से ली गई है।

इसके बाद कोर्ट (Delhi Court) ने इससे जुड़े दस्तावेजों को रिकॉर्ड में लेकर आरोप पत्र को लेकर कोई फैसला लेने तक मामले को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया था। 

दूसरे आरोप पत्र में जोड़ा था तेजस्वी का नाम

बता दें कि कथित घोटाले के मामले में जांच एजेंसी की ओर से दाखिल किए गए पहले आरोप पत्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू यादव (Lalu Yadav) के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का नाम नहीं था।

सीबीआई ने अपने दूसरे आरोप पत्र (charge sheet) में तेजस्वी का नाम जोड़ा था। इस तरह एजेंसी ने अब तक लालू परिवार समेत कुल 14 लोगों के नामों का आरोप पत्र में उल्लेख किया है।

जांच एजेंसी सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ पहला आरोप पत्र दायर किया था। यह रेलवे के मुंबई मुख्यालय वाले सेंट्रल जोन में की गई नियुक्तियों से संबंधित था।

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला ?

नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला लालू यादव (Lalu Yadav) को रेल मंत्री बनाए जाने के समय का है। साल 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रेल मंत्री रहे थे।

उनके इस कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी नियुक्तियां हुई थीं।

आरोप है कि इस दौरान कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से नौकरी लगवाने के बदले लोगों से उपहार में अपने नाम पर जमीनें हस्तांतरित कराई गई थीं।

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इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भारतीय दंड संहिता की अन्य संबंधित धाराओं तहत आरोप लगाए गए हैं।

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