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Land For Jobs Scam: लालू और राबड़ी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, राउज एवेन्यू कोर्ट ने CBI को दिया ये आदेश

लालू यादव-राबड़ी देवी से जुड़े जमीन के बदले नौकरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई टल गई है। कोर्ट ने सीबीआई को कन्क्लूडिंग चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय दिया है। लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने 2004-2009 की अवधि के दौरान केंद्रीय मंत्री रहते ग्रुप डी पद पर अलग-अलग पदों पर नियुक्ति के बदले में जमीन लेकर आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 29 May 2024 02:11 PM (IST)
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लालू और राबड़ी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, राउज एवेन्यू कोर्ट ने CBI को दिया ये आदेश

रितिका मिश्रा, नई दिल्ली/पटना। Land For Jobs Scam Case नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए सात जून तक अंतिम आरोपपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई भी इसी दिन होगी। इस मामले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य भी आरोपित हैं।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सीबीआई की ओर से आरोपपत्र दाखिल करने के लिए हर तारीख पर समय मांगने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने जांच एजेंसी को और समय देने से इनकार कर दिया।

सीबीआई को लगाई फटकार

कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि सीबीआइ द्वारा सुनवाई की हर तारीख पर यही कहा जाता है कि आरोपपत्र दाखिल करने का काम अंतिम चरण में है। वहीं, आरोपितों के अधिवक्ता ने सुनवाई के लिए जुलाई में तारीख देने का अनुरोध किया। जिस पर अदालत ने कहा कि अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हो सकते हैं।

सीबीआई ने तीन आरोपित के खिलाफ मार्च में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। इसमें दो उम्मीदवार अशोक कुमार और बबीता के अलावा पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के निजी सचिव भोला यादव को आरोपित बनाया है।

क्या है लैंड फॉर जॉब मामला?

पूरा मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच का है। जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन हस्तांतरित के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाई। सीबीआइ ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरुप नहीं थीं।

यह भी आरोप लगाया गया कि क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्नों की ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी नियुक्त व्यक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपित ने रेलवे में नौकरी देने के लिए, एक अप्रत्यक्ष तरीका तैयार किया, जिसमें उम्मीदवारों को पहले स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया। तलाशी के दौरान नियुक्त हुए उम्मीदवारों की सूचियों वाली एक हार्ड डिस्क भी बरामद की गई।

सीबीआई ने 18 मई 2022 को पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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