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रेलवे ने राज्य सरकार को सौंपी दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन, बनेगी फोर लेन सड़क

रेलवे ने दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन राज्‍य सरकार को सौंप दी है। इस जमीन पर फोर लेन सड़क बनेगी। शेष जगह पर मेट्रो रेल चलेगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 09:11 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 10:54 PM (IST)
रेलवे ने राज्य सरकार को सौंपी दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन, बनेगी फोर लेन सड़क

पटना [राज्य ब्यूरो]। रेल मंत्रालय ने दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन पथ निर्माण विभाग को सौंपने पर अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। बुधवार को इस मामले में रेल मंत्री पीयूष गोयल के स्तर पर निर्णय लिया गया। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पर शुक्रवार यानी 15 जून को केंद्रीय कैबिनेट सचिव बिहार के मुख्य सचिव के साथ बैठक करेंगे।

नौ वर्ष से कोशिश कर रही थी राज्य सरकार

दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किए जाने के मामले में वर्ष 2009 से ही कवायद चल रही थी। राज्य सरकार रेल ट्रैक की जमीन पर फोर लेन सड़क का निर्माण करना चाहती है। इसके साथ ही बीच का हिस्सा मेट्रो रेल के लिए छोड़ा जाना है।

इस वर्ष मई महीने में इस बारे में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट की थी।  यह सहमति बनी थी कि जल्द ही रेल ट्रैक की जमीन राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार पूर्व के रेल मंत्रियों से भेंट की थी।

72.25 एकड़ जमीन के लिए देने  हैं 221 करोड़

दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक जमीन का कुल रकबा 71.25 एकड़ है। इसकी चौड़ाई 40 मीटर है। आरंभ में जब इस रेल ट्रैक की जमीन के मूल्यांकन के लिए सर्वे कराया गया तो यह 896.29 करोड़ रुपए तय हुई। इसके बाद जिला प्रशासन के स्तर पर हाल ही मेंं इस ट्रैक की जमीन का पुनर्मूल्यांकन कराया। अब इसकी कीमत 221 करोड़ रुपए है। इस राशि को राज्य सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है और पटना जिला प्रशासन ने इसे अधिसूचित कर दिया है। इस जमीन के मद में राज्य सरकार को 221 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा।

पथ निर्माण विभाग ने तैयारी आरंभ की

जमीन हस्तांतरण पर फैसले को ध्यान में रख पथ निर्माण विभाग ने अपनी तैयारी आरंभ कर दी है। बिहार राज्य पथ विकास निगम को रेल ट्रैक की जमीन पर फोर लेन सड़क निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किए जाने का जिम्मा दिया गया है। पथ निर्माण विभाग ने रेल ट्रैक पर अतिक्रमण कर बस गई आबादी को जमीन खाली कराने की नोटिस सार्वजनिक रूप से देनी आरंभ भी कर दी है। गुरुवार को ड्रोन सर्वे भी कराया गया।

एक आकलन यह भी

पटना हाईकोर्ट में इस रेल ट्रैक की जमीन को लेकर दाखिल पीआइएल पर भी सुनवाई चल रही है। इस क्रम में एक आकलन यह है कि प्रति माह इस रेल ट्रैक के मेंटेेनेंस पर रेलवे 6.07 लाख रुपए खर्च करती है और टिकट से आमदनी मात्र 7800 रुपए है।

जेपी सेतु की स्टेशन की दूरी रह जाएगी मात्र सात किमी

पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा रेल मंत्री पीयूष गोयल के इस फैसले को ले वह उनके प्रति आभारी हैैं। इस ट्रैक की जमीन पर सड़क बनने से पटना की यातायात व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन होगा। पटना रेलवे स्टेशन से उत्तर बिहार का संपर्क भी बेहतर हो जाएगा।

रेल ट्रैक मामले में अब क्या होगा

दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन पर सड़क निर्माण मामले में रेलवे को 221 करोड़ रुपए भुगतान की प्रक्रिया आरंभ होगी। रेलवे और राज्य सरकार के बीच वार्ता के बाद यह तारीख तय होगी कि रेल ट्रैक को कब से हटाया जाएगा। इस प्रक्रिया में छह माह से अधिक का समय लगेगा। इस बीच डीपीआर बनकर तैयार होगा। डीपीआर की मंजूरी के बाद राज्य सरकार निविदा करेगी और फिर निविदा फाइनल होने के बाद सड़क निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।


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