Move to Jagran APP

बिहार के कई जिलों में भू-सर्वेक्षण बाधित, पक्की नौकरी की मांग पर संविदाकर्मियों ने बढ़ाई परेशानी

संविदाकर्मियों की मांगों के चलते यह कई जिलों में ठहर गई है। कैबिनेट की बैठक में वेतन भुगतान के बारे में निर्णय हो गया लेकिन उनकी अन्य मांगें सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। पहले चरण में राज्य के 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 02 Jun 2022 07:52 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jun 2022 07:52 PM (IST)
बिहार के कई जिलों में भू-सर्वेक्षण बाधित हो गया है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : भूमि सर्वेक्षण की रफ्तार तो पहले से धीमी थी, संविदाकर्मियों की मांगों के चलते यह कई जिलों में ठहर गई है। समय पर वेतन न मिलने से नाराज संविदाकर्मी बिना मांग पूरी हुए काम पर नहीं जाएंगे। गुरुवार की कैबिनेट की बैठक में वेतन भुगतान के बारे में निर्णय हो गया, लेकिन उनकी अन्य मांगें सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। पहले चरण में राज्य के 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है। दूसरे चरण के 18 जिलों में भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। हड़ताल की खबरें पहले चरण के जिलों से आ रही हैं। शेखपुरा के बंदोबस्त पदाधिकारी ने गुरुवार को निदेशक, भू अभिलेख एवं परिमाप को पत्र लिखकर संविदाकर्मियों के हड़ताल पर जाने की सूचना दी है। पत्र में कहा गया है कि मानदेय के भुगतान का आश्वासन देने के बावजूद संविदाकर्मी काम पर नहीं जा रहे हैं। जिले में सिर्फ एक सर्वेक्षण कर्मी काम पर हैं। बाकी हड़ताल पर चले गए हैं। उन्हें बताया गया कि काम नहीं तो वेतन नहीं, वाला फार्मूला लागू होगा। साथ में अनुशासनिक कार्रवाई भी होगी। सर्वेकर्मियों पर कोई असर नहीं पड़ा। पत्र के मुताबिक सर्वेकर्मियों ने अपना संगठन भी बना लिया है। इसमें विशेष सर्वेक्षण कानूनगो से लेकर अमीन और लिपिक भी शामिल हैं।

पक्की नौकरी के लिए धरना

बिहार विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ के अनिश्चितकालीन धरना के कारण भी कई जिलों में कामकाज ठप है। संघ की 12 मांगें हैं। इनमें पक्की नौकरी भी है। एक मांग यह भी है कि संविदाकर्मियों को सरकारी सेवकों के समकक्ष वेतन एवं दूसरी सुविधाएं दी जाए। सहरसा जिले के सर्वेकर्मियों की नाराजगी इस बात से है कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। कानूनगो, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, अमीन और लिपिक को मिला कर संविदाकर्मियों की संख्या चार हजार से अधिक है। 

क्यों नहीं हो रहा है भुगतान

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का अनुमान था कि मार्च 2022 तक भूमि सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा। इसलिए उसी अवधि तक के लिए आवंटन किया गया। कोरोना के कारण सर्वे बाधित हुआ। मार्च की समाप्ति के बावजूद समय पर सेवा का विस्तार और वेतन मद में राशि का आवंटन नहीं हो पाया। गुरुवार की कैबिनेट की बैठक में सेवा विस्तार और वेतन के भुगतान का फैसला हो गया है, लेकिन अन्य मांगों पर विचार होना बाकी है। 


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.