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Patna Land Survey: पटना में 116 वर्षों बाद हो रहा जमीन का सर्वे, अपने साथ तैयार रखें जरूरी कागजात

पटना जिले में 116 सालों बाद जमीन का सर्वे करवाया जाएगा। जिला प्रशासन ने इसके लिए कमर कस ली है। जमीन सर्वे को लेकर मासिक कैलेंडर भी तैयार कर लिया गया है। जिला प्रशासन के मुताबिक अगले वर्ष जुलाई में जमीन सर्वे का कार्य पूरा हो जाएगा। बता दें कि सभी 1395 राजस्व गांव की तीन हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक जमीन का अलग-अलग खतियान तैयार किया जाएगा।

By Vyas Chandra Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 06 Aug 2024 03:18 PM (IST)
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पटना में एक शताब्दी बाद जमीन का सर्वे किया जाएगा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, पटना। Patna Land Survey करीब 116 वर्षों बाद पटना जिले में जमीन का सर्वे शुरू हो चुका है। फिलहाल यह ग्रामीण इलाकों में चल रहा है। दूसरे चरण में नगर निकायों की जमीन का भी सर्वे होगा। यह एक वर्ष में पूरा होगा। इसके लिए मासिक कैलेंडर तैयार हो चुका है।

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कैलेंडर के अनुसार, समय सीमा में सर्वे टीम को कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके तहत सभी 1,395 राजस्व गांव की तीन हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक जमीन का अलग-अलग खतियान तैयार किया जाएगा। इस खतियान में जमीन से जुड़ी सारी जानकारी होगी, मसलन जमीन की किस्म, चौहद्दी, रकबा आदि।

जमीन की मापी करेगी सर्वे टीम

वर्तमान हिस्सेदारी के अनुरूप वंशजों के नाम से जमीन होगी। इससे एक तो जमीन विवाद के मामले दूर होंगे दूसरी ओर वर्षों से जिन जमीनों का लगान जमा नहीं हो रहा, वह भी होने लगेगा। इस विशेष सर्वे के तहत एरियल सर्वे के रिकॉर्ड को आधार बनाया गया है। सर्वे टीम जमीन की मापी करेगी, दखल-कब्जा की जांच करेगी और दस्तावेजों को देखेगी।

भू-स्वामी को जमाबंदी, खतियान जैसे कागजात दिखाने होंगे। इस सर्वे का दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इस सर्वे के तहत सरकारी और जिस जमीन का विवाद चल रहा है, उसका भी रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। सर्वे टीम जो आंकड़े तैयार करेगी, उसपर दावा-आपत्ति का समय भी भू-स्वामी को मिलेगा। उचित आपत्तियों का निराकरण कर डेटा को ऑनलाइन किया जाएगा।

बता दें कि पटना जिले में 1908 ईस्वी में कैडेस्ट्रल सर्वे हुआ था। इसी के आधार पर जमीन की जमाबंदी है। इसके बाद 80 के दशक में रिवीजनल सर्वे हुआ। फिर म्यूनिसिपल सर्वे हुआ, लेकिन यह पूरी तरह लागू नहीं हो सका।

सर्वे टीम को देने होंगे ये कागजात

  • जमीन का रकबा, चौहद्दी, खेसरा की जानकारी
  • स्वघोषणा पत्र-मालगुजारी रसीद की फोटोकॉपी
  • खतियान की नकल-रैयत से संबंध के लिए आधार कार्ड
  • जमाबंदी मृतक के नाम से है तो उनके मृत्यु का प्रमाणपत्र
  • कोर्ट का कोई आदेश हो तो उसकी फोटोकॉपी

सर्वे के लिए कैलेंडर

  • 1-16 अगस्त: सर्वे टीम खतियान, स्वघोषणा पत्र और वंशावली लेगी
  • 16-31 अगस्त: सभी गांव में ग्राम सभा की बैठक
  • 1-30 सितंबर: गांव की सीमा का निर्धारण, खेसरावार जमीन का सत्यापन
  • 1 अक्टूबर-15 दिसंबर: रैयतों के स्वामित्व संबंधी साक्ष्य टीम जुटाएगी
  • 16 दिसंबर-15 जनवरी 2025: खेसरा पंजी को साफ्टवेयर पर अपलोड करने के साथ, रैयतों के बीच खानापूरी पंजी का वितरण, दावा-आपत्ति ली जाएगी।
  • 16 जनवरी-15 फरवरी: दावा-आपत्ति की सुनवाई
  • 16-28 फरवरी: पहले चरण के कार्य का रिकार्ड तैयार किया जाएगा।
  • 1-31 मार्च: प्रारूप अधिकार अभिलेख का प्रकाशन
  • 1 अप्रैल- 31 मई प्रारूप अधिकार अभिलेख पर दावा-आपत्ति का निष्पादन
  • 1-15 जून: दूसरे चरण के कार्यों का रिकॉर्ड
  • 1-30 जून: बंदोबस्ती और इसपर दावा-आपत्ति का निष्पादन
  • 1-30 जुलाई: अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन
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