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Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा का 6 साल से चल रहा था इलाज, 'बिहार रत्न' ने नहाय-खाय के दिन ली अंतिम सांस

Sharda Sinha Death News संगीत की देवी और बिहार की स्वर कोकिला के रूप में विख्यात पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन हो गया। छठ गीतों को घर-घर तक पहुंचाने वाली 72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय के दिन ही दुनिया को अलविदा कह दिया। वे 11 दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थीं।

By prabhat ranjan Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 06 Nov 2024 12:03 AM (IST)
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लोक गायिका बिहार कोकिला शारदा सिन्हा को उनके गीतों के लिए याद किया जाएगा।
जासं, पटना। संगीत की देवी और बिहार की स्वर कोकिला के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन दिल्ली के एम्स अस्पताल में मंगलवार की रात हो गया।

छठ गीतों को घर-घर तक पहुंचाने वाली 72 वर्षीय शारदा सिन्हा छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय के दिन ही छठी मैया की गोद में निर्वाण को प्राप्त हुए। वे 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं।

वे बीते छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं। बीते दिनों उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती कराया गया था।

मंगलवार की देर रात उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर मां शारदा सिन्हा के निधन की जानकारी दी। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर है। एक अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलसा गांव में हुआ था।

हिंदी, मैथली, भोजपुरी, बज्जिका समेत अन्य भाषाओं में कई सदाबहार गीत गाने वाले लोक गायिका को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

अस्पताल से व्रतियों के लिए जारी किया था गीत

महापर्व छठ के आरंभ होने से चार दिन पूर्व उन्होंने छठ गीत दुखवा मिटाई छठी मैया, रऊए आसरा हमार.. जारी किया था।

एम्स अस्पताल से ही उनके बेटे ने गीत को इंटरनेट मीडिया पर जारी कर लोगों को छठ की शुभकामना दी थी। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

शारदा सिन्हा द्वारा छठ पूजा पर आधारित गीत हो दीनानाथ.. को लोगों ने खूब पसंद किया था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मैथिली विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं।

शारदा सिन्हा की बिगड़ते तबीयत को देखते हुए पीएम मोदी ने अंशुमन सिन्हा से कहा था कि वे बिल्कुल मजबूती से अपनी मां का इलाज कराएं।

पति के निधन से लगा था सदमा

इसी वर्ष 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का 80 वर्ष की उम्र में ब्रेन हेम्ब्रेज के कारण निधन हो गया था। पति के निधन के बाद शारदा सिन्हा धीरे-धीरे कमजोर होते चली गईं थीं।

तबीयत बिगड़ने के बाद शारदा सिन्हा को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अक्टूबर में जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उनकी खाने-पीने की आदतों में भी समस्या आने लगी थी।

हिंदी सिनेमा में भी गूंजे शारदा के गीत

लोक गायकी के अलावा, शारदा सिन्हा ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी आवाज से जादू बिखेरा। उन्होंने 1989 में फिल्म मैंने प्यार किया के गीत 'काहे तोसे सजना' गाकर सबका दिल जीत लिया।

इसके अलावा गैंग्स आफ वासेपुर में उनके गाए 'तार बिजली' और हम आपके हैं कौन का 'बाबुल जो तुमने सिखाया' जैसे गीत उनकी मधुर आवाज का प्रमाण हैं। इन गीतों ने उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए।

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