Patna: DIG अनुसूया के खिलाफ गृह विभाग को भेजा गया आरोपों का पुलिंदा, हो सकती है विभागीय कार्यवाही
DIG Anusuiya गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा में महिला आईपीएस अधिकारियों के बीच तनातनी छह माह से चल रही थी। इस मामले में डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू के विरुद्ध आरोपों का पुलिंदा गृह विभाग को भेजा गया है। डीजी शोभा ओहटकर ने मार्च से सितंबर के बीच छह अलग-अलग पत्र गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजे हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना: गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा में महिला आईपीएस अधिकारियों के बीच तनातनी छह माह से चल रही थी।
इस मामले में डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू के विरुद्ध आरोपों का पुलिंदा गृह विभाग को भेजा गया है। डीजी शोभा ओहटकर ने मार्च से सितंबर के बीच छह अलग-अलग पत्र गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजे हैं।
इनमें डीआईजी के द्वारा आईजी सुनील कुमार नायक के साथ दुर्व्यवहार करने व कपड़े फाड़कर फंसाने की धमकी देने का गंभीर आरोप भी शामिल है।
डीजी ने डीआईजी अनुसूया को उदंड और अनुशासनहीन पदाधिकारी बताते हुए सख्त कार्रवाई करने की अनुशंसा गृह विभाग से की है। इस विवाद में गेंद अब गृह विभाग के पाले में है।
विभाग ने शुरू की समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, डीजी के शिकायती पत्र के बाद विभाग ने समीक्षा शुरू कर दी है। जल्द ही डीआईजी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार, डीजी शोभा ओहटकर के द्वारा मार्च में एक बार, अप्रैल में तीन बार, जून में एक बार और सितंबर में एक बार गृह विभाग को पत्र लिखकर डीआईजी की शिकायत की है।
सितंबर में लिखे गए आखिरी पत्र में टेंडर गड़बड़ी से लेकर गलत जांच रिपोर्ट देने, बिना सूचना कार्यालय से अनुपिस्थत रहने, गलत जांच रिपोर्ट देने, गलत जांच रिपोर्ट देने और महिला होमगार्ड के साथ दुर्व्यवहार करने, कार्यालय में अराजकता फैलाने आदि आरोप लगाए गए हैं।
मालूम हो कि डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू ने डीजी शोभा ओहटकर पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर त्राहिमाम संदेश लिखा था।
तेरह पन्ने के पत्र में डीआईजी ने आरोप लगाया है कि टेंडर में गड़बड़ी का मामला उठाए जाने के बाद से डीजी उन्हें प्रताडि़त कर रही हैं और सुनियोजित तरीके से फंसाने के लिए जाल बिछाया जा रहा है।
वहीं, डीजी शोभा ओहटकर ने डीआईजी अनुसूया के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कार्रवाई से बचने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
डीआईजी पर लगाए गए आरोप
बिना सूचना अवकाश पर जाने और लंबे समय तक कार्यालय से गायब रहने का आरोप।
अवकाश के दौरान सरकारी वाहन और सुविधा का दुरुपयोग करने का आरोप।
सुनियोजित साजिश कर कार्यालय और विभाग की छवि धूमिल करने का आरोप।
महिला होमगार्ड के आरोप की जांच कर गलत रिपोर्ट देने व आरोपित की मदद का आरोप।
आईजी के कार्यालय में जाकर दुर्व्यवहार करने व झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देने का आरोप।
अपने स्थानांतरण के लिए नियंत्री पदाधिकारी पर दबाव डालने का आरोप।
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