Move to Jagran APP

गोली लगने से सड़क पर तड़प रहा था शार्प शूटर तबरेज, लोग खींच रहे थे उसकी फोटो

पटना कोतवाली से एक सौ मीटर की दूरी पर शुक्रवार को दिनदहाड़े तबरेज आलम उर्फ तब्बू की हत्या कर दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है, एक की गिरफ्तारी भी हुई है। हत्या की लाइव रिपोर्ट.

By Kajal KumariEdited By: Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:29 PM (IST)
गोली लगने से सड़क पर तड़प रहा था शार्प शूटर तबरेज, लोग खींच रहे थे उसकी फोटो
पटना [जेएनएन]। अपराधी से नेता बने तबरेज आलम उर्फ तब्बू की हत्या में पुलिस ने जहानाबाद से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है साथ ही हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक को भी बरामद कर लिया है। एसएसपी मनु महाराज ने उसकी हत्या का खुलासा करते हुए बताया कि तबरेज की हत्या प्रॉपर्टी विवाद में की गई थी। दोनों शूटरों की पहचान हो चुकी है, मुख्य शूटकर की गिरफ्तारी के लिए रेड जारी है। 

बता दें कि शुक्रवार को दिनदहाड़े तबरेज की तब हत्या कर दी गई जब वह अपनी सफारी गाड़ी में बैठने जा रहा था। बाइक सवार अपराधियों ने उसके पास से गुजरते हुए बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में उसे गोलियां दाग दीं थीं। 

आंखों देखी... तबरेज की हत्या

शुक्रवार की दोपहर ढाई बजे स्कूटी से युवक रायजी की चाय दुकान के पास आया। उसने नीली और सफेद रंग की शर्ट पहन रखी थी। सिर पर हेलमेट और मुंह पर मास्क लगा रखा था। स्कूटी नई दिख रही थी और उसपर नंबर प्लेट भी नहीं था। दुकान पर पहले से कुछ लोग मौजूद थे। वह इधर-उधर लोगों को देख रहा था। ठीक दस मिनट बाद 2:50 बजे तब्बू अपनी सफारी कार के पास आया। उसके आते ही बाइक से दोनों बदमाश आए।

सफारी के समानांतर बाइक रोकी और तब्बू के सीने में तीन गोलियां उतार दी। गोली लगते ही वह जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद पीछे बैठा युवक बाइक से उतरा। उसने फिर एक गोली पेट पर मारी और फरार हो गया। गोली की आवाज सुनते ही अफरा-तफरी मच गई।

इस बीच स्कूटी सवार युवक भी पतली गली से निकल गया। चाय दुकान पर मौजूद लोग बदमाशों के पीछे दौड़े, लेकिन वह हाथ नहीं आया। लोगों को डराने के लिए उसने पिस्टल भी दिखाई थी।

कौन थे युवक और युवती?

घटना से पहले एक और संदिग्ध हरकत हुई थी। करीब पांच-सात मिनट पहले धीमी रफ्तार से काले रंग की डस्टर कार चाय दुकान के सामने सड़क के उस पार खड़ी हुई। कार में एक राजनीतिक दल का झंडा लगा था। युवक कार चला रहा था और उसकी बगल वाली सीट पर युवती बैठी थी।

चालक ने स्कूटी के सामने कार खड़ी की और कुछ सेकेंड बाद शीशा उतारकर चाय वाले को इशारा किया। जब चाय वाले ने पूछा - बड़ा दूं या छोटा? तब उसने कोई जवाब नहीं दिया। कुछ देर तक दोनों चुप रहे और बदमाशों के गोली चलाते ही युवक ने बैक गियर लगाकर कार घुमा लिया। कार की रफ्तार धीमी ही थी, जो संदेहास्पद है।

ऐसा माना जा रहा है कि कार को स्कूटी के सामने इसलिए खड़ी की गई, ताकि बुद्ध मार्ग से कोई भी बड़ी गाड़ी उस रास्ते में प्रवेश नहीं कर सके।

सीसी कैमरे में दिखे हत्यारे

बदमाशों ने तबरेज आलम उर्फ तब्बू को मौत के घाट उतारने के लिए ऐसी जगह चुनी , जहां आसपास सौ मीटर तक कोई सीसी कैमरा नहीं लगा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बाइक का रंग और हत्यारों का हुलिया बताया। इसके आधार पर पुलिस ने पड़ताल शुरू की।

सिन्हा लाइब्रेरी रोड और फ्रेजर रोड को जोड़ने वाली गली में स्थित एक भवन में लगे सीसी कैमरे की फुटेज में हत्यारों को देखा गया। गली में घुसने के बाद बाइक के पीछे बैठे बदमाश ने काले रंग की टोपी उतारकर हेलमेट पहन लिया था, लेकिन हाफ चेक शर्ट और काले रंग की पैंट एवं बाइक के रंग से पुलिस ने पहचान कर ली। उन्हें दबोचने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं।

एसएसपी ने कहा...

तब्बू कई संगीन कांडों में शामिल रहा है। प्रथम दृष्ट्या नामजद अभियुक्तों पर ही हत्या करने का शक है, सभी पेशेवर अपराधी हैं। हत्या का कारण वर्चस्व और भूमि विवाद प्रतीत हो रहा है। सभी बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है।

मनु महाराज, एसएसपी

तबरेज आलम की हत्या में सब्जीबाग के डब्ल्यू मुखिया उर्फ निजाम का भी नाम सामने आया है। इसके पहले भी हाल के दिनों में हुई हत्या की बड़ी वारदातों में उसकी संलिप्तता उजागर हुई है। बावजूद पुलिस ने उसे दबोचने का सार्थक प्रयास नहीं किया, जबकि वह शहर में ही छिपा था।

दरियापुर में शेट्टी की हत्या और पटना सिटी के तनवीर को मौत के घाट उतारने के लिए खुद डब्ल्यू मुखिया गया था। आयान फैशन पर भी उसके गुर्गो ने ही बमबारी की थी, जिसमें पांच वर्षीय मासूम जख्मी हो गया था। सीसी कैमरों से चप्पे-चप्पे की निगरानी करने का दावा करने वाली पुलिस की नजर उसपर नहीं पड़ी, जबकि वह दोनों जगह करीब घंटाभर तक रुका था।

 सूत्रों की मानें तो डब्ल्यू मुखिया पुलिस की मुखबिरी करता रहा है, इसलिए छोटे पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ने की कभी हिम्मत नहीं जुटाई। पुलिस मान रही है कि तरबेज की हत्या करने आए दो अपराधी डब्ल्यू मुखिया और रूमी मल्लिक ही हैं। रूमी ने ही गोलियां दागी और डब्ल्यू बाइक चला रहा था।

दुकानदार को देता गद्दारी की सजा

 सूत्रों के मुताबिक, डब्ल्यू मुखिया के निशाने पर बंगाली टोला एक मोबाइल दुकानदार भी है। एक महीने में उसने तीन बार उस दुकानदार को मारने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

चौराहे पर खड़ी रही पुलिस गलियों से निकल गए अपराधी

मुहर्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम को लेकर कई दिनों से रणनीति बन रही थी। थाना पुलिस के साथ ही तीन हजार अतिरिक्त फोर्स शहर के हर चौक-चौराहे पर तैनात की गई थी। मुख्य मार्ग पर सघन चेकिंग चल रही थी और पुलिस अफसर खुद भी मूव कर रहे थे। लेकिन, चप्पे-चप्पे पर पुलिस खड़ी ही रह गई और दिनदहाड़े कोतवाली थाना परिसर के समीप ही युवक को गोली मारकर हत्यारे गलियों से निकल गए।

तमाशबीन बने रहे लोग, मदद को नहीं बढ़े हाथ

गोली लगने के बाद तबरेज आलम सड़क पर गिरा था और तड़प रहा था। इस दौरान घटनास्थल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। कुछ उसके करीब गए, लेकिन मदद के लिए नहीं, बल्कि मोबाइल से तस्वीर ले रहे थे। हर किसी को पुलिस के आने का इंतजार था, पर किसी ने उसकी जान बचाने के लिए अस्पताल तक पहुंचाने के लिए हाथ नहीं बढ़ाया। घटनास्थल के समीप ढाबे पर खाने की थाली छोड़कर लोग भागने लगे तो एक छोर पर रही चाय की दुकान बंद हो गई।

शातिर तबरेज को पहले से थी अनहोनी की आशंका

तब्बू को अनहोनी की आशंका पहले से ही थी। उसने एहतियात के तौर पर अपनी सफारी कार के आगे की नंबर प्लेट खोल दी थी। पीछे वाली नंबर प्लेट बंफर से छिपी थी। पुलिस ने जब कार की तलाशी ली तो अंदर से नंबर प्लेट मिली।

सूत्रों की मानें तो फुलवारीशरीफ में झड़प के दौरान डब्ल्यू मुखिया ने तब्बू को धमकी दी थी कि वह मुहर्रम के दिन ही उसकी कुर्बानी देगा। वह अक्सर कोतवाली थाने के पास गाड़ी थाने के बाहर खड़ी करता था। लेकिन शुक्रवार को भीड़ होने के कारण उसने थाने के बगल वाली गली में एसके ट्रेडिंग गैस एजेंसी के सामने कार लगाई थी।

हत्या के तुरंत बाद पुलिस तबरेज की पहचान करने में जुट गई। पुलिस को तलाशी के क्रम में तबरेज की कार से एक शादी का कार्ड मिला। उसपर तब्बू मामा लिखा था। पुलिस ने कार्ड देने वाले फिरोज को कॉल किया और पूछा तब्बू मामा कौन हैं? तो उन्होंने पहचानने से इन्कार कर दिया।

उत्तरप्रदेश के दबंग विधायक से था तबरेज आलम का गहरा लगाव

पटना के कई बिल्डर तबरेज के लिए काम करते हैं। सभी से इसकी साङोदारी थी। उसने एक रिहायशी इलाके में अपार्टमेंट बनाया था। दीघा में उसका फ्लैट है। उत्तरप्रदेश के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी से भी तबरेज आलम का गहरा लगाव था। एक्जीबिशन रोड स्थित फ्लैट में ही उसका कार्यालय है। कई सफेदपोश उससे मदद लेते थे।

उसके कार्यालय पर 24 घंटे पहरेदार रहते थे। फ्लैट में किसी को प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। उसकी बेटी नामी स्कूल में पढ़ती है। फेसबुक पर वह अक्सर अपनी बेटी की तस्वीर शेयर करता था। वहीं, कई इलाकों में उसने विवादित फ्लैट खरीद रखा है। जहानाबाद, बिहारशरीफ, धनबाद में तब्बू की दुकान सजती है।

घर से निकलने के दौरान तबरेज के साथ चार से पांच गाड़ियां आगे-पीछे चलती थीं और सभी वाहनों में उसकी सुरक्षा के लिए निजी गार्ड होते थे। कोतवाली के पास एक दुकानदार ने बताया कि तबरेज के साथ कुछ दिन पहले वर्दी में सुरक्षा गार्ड भी आते थे, जो गाड़ी में ही बैठे रहते थे। पिछले कुछ दिन से उसके साथ कोई नहीं आ रहा था।

रूमी है तन्नू मियां का खास गुर्गा

 करीब एक माह पहले रूमी मल्लिक ने फोन कर तबरेज आलम उर्फ तब्बू को जान से मारने की धमकी दी थी। तब्बू ने इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका नतीजा है कि रूमी ने जैसा कहा, वैसा कर दिया।

पुलिस सूत्रों की मानें तो हत्या की प्लानिंग सब्जीबाग निवासी सज्जाद के घर पर रची गई थी। वारदात करने के बाद दोनों फ्रेजर रोड के रास्ते जेपी गोलंबर तक गए। वहां रूमी बाइक से उतरकर तन्नू मियां के लोदीपुर स्थित घर और डब्ल्यू मुखिया सज्जाद के पास चला गया। एक टीम अन्य अपराधियों की तलाश में सिवान भी गई है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।