सर्किट हाउस में अतिथि बनकर रहना अब पड़ेगा महंगा, पटना व राजगीर के लिए देने होंगे इतने रुपये
रखरखाव का खर्च बढ़ा इस कारण सरकारी अतिथि गृहों में ठहरना हुआ महंगा। साल भर में अधिकतम 30 दिन रह सकते हैं अधिकारी। सबसे महंगा पटना राजगीर और बिहारशरीफ का अतिथि गृह। सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Thu, 02 Sep 2021 11:52 AM (IST)
पटना, राज्य ब्यूरो। सरकारी अतिथि गृहों (Circuit House) में ठहरने वालों को अधिक किराया चुकाना पड़ेगा। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के मुताबिक रखरखाव खर्च में वृद्धि के चलते यह कदम उठाया गया है। नई शर्त यह भी है कि अपवाद को छोड़ कर किसी भी अधिकारी को एक बार में सात दिन से अधिक का आरक्षण नहीं मिलेगा। पूरे साल में अधिकतम 30 दिन रह सकते हैं। सात दिन रहने के 15 दिन बाद ही दूसरा आवंटन मिलेगा। आरक्षण की मियाद खत्म होने के बाद भी कमरा में डटे रहे तो तिगुना आरक्षण शुल्क देना होगा।
कमरों की होगी आनलाइन बुकिंग
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में कहा गया है कि कमरों की बुकिंग आनलाइन (Online Booking) होगी। आनलाइन सिस्टम जिला प्रशासन बनाएगा। पटना स्थित अतिथि गृह (Patna Cirucuit House) में बाहर से स्थानांतरित होकर आए अधिकारी अधिकतम दो महीने तक रह सकेंगे। हालांकि, भवन निर्माण विभाग उन्हें इस अवधि में आवास नहीं दिला पाया तो रहने की अवधि बढ़ सकती है। पटना, बिहारशरीफ और राजगीर के अतिथि गृहों का किराया एक जैसा रखा गया है। सरकारी कार्य के लिए ठहरने वाले सरकारी सेवकों के लिए एक दिन का किराया दो सौ रुपये है। अगर वे गैर-सरकारी कार्य के लिए ठहरते हैं तो चार सौ रुपये देने होंगे। गैर-सरकारी व्यक्तियों के लिए एक दिन का एक हजार रुपये किराया निर्धारित है। नन एसी कमरों का नया किराया डेढ़ सौ, तीन सौ और छह सौ रुपये तय किया गया है।
अन्य जिलों पर भी वृद्धि का प्रभाव
राज्य के सभी जिलों में अतिथि गृह हैं। उनका किराया पटना से कम है। सरकारी व्यक्तियों के लिए डेढ़ से तीन सौ रुपये तो गैर-सरकारी के लिए आठ सौ रुपये प्रतिदिन किराया निर्धारित है। नन एसी कमरों का किराया एक सौ से चार सौ रुपये के बीच है। हालांकि होटलों की तुलना में सर्किट हाउस का किराया अब भी काफी कम है।
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