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विपक्षी दलों की बैठक से पहले NDA खेमे में भी खलबली, दिल्ली में अमित शाह से मिलने पहुंचे चिराग पासवान

दिल्ली में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। चर्चा है कि मंगलवार को एनडीए की बैठक में चिराग पासवान आधिकारिक रूप से भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हो जाएंगे। हालांकि इससे पहले उन्होंने भाजपा के सामने कुछ शर्ते रखी हैं।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Mon, 17 Jul 2023 04:17 PM (IST)
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दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर चिराग पासवान। ANI
पटना, जागरण डिजिटल डेस्क। बेंगलुरु में एक तरफ जहां विपक्षी दलों की महाबैठक हो रही है तो पटना से दिल्ली तक एनडीए खेमे में भी खलबली मची है। सोमवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

चर्चा है कि मंगलवार 18 जुलाई को एनडीए की बैठक में चिराग पासवान आधिकारिक रूप से भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हो जाएंगे। हालांकि, इससे पहले उन्होंने भाजपा के सामने कुछ शर्ते रखी हैं, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) को छह सीटें और मोदी कैबिनेट में जगह शामिल है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री और बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय दो बार चिराग पासवान से मिल चुके हैं। चिराग पासवान दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे हैं। दिग्गज दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में लोजपा ने 2019 में छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत उन्हें एक राज्यसभा सीट भी मिली थी।

चाचा-भतीजे के बीच फंस रहा पेंच

हालांकि, रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके भाई पशुपति कुमार पारस और बेटे चिराग पासवान के बीच लोजपा दो गुट में बंट गई। अब चाचा-भतीजे को एक गठबंधन में लाना भाजपा के लिए चुनौती है। भाजपा चाहती हैं कि लोजपा विभाजन के बावजूद पुरानी व्यवस्था पर कायम रहे। हालांकि, चाचा-भतीजा इसके लिए तैयार नहीं है।

पशुपति पारस समझौते को तैयार नहीं

पशुपति पारस और चिराग अब सिर्फ एनडीए ही नहीं, बल्कि हाजीपुर लोकसभा सीट पर भी आमने- सामने होंगे। वर्तमान में पशुपति पारस इस सीट से सांसद है। हालांकि, चिराग ने भी इसी सीट से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। रविवार को पारस ने कहा कि दल टूटता है तो जुड़ जाता है, लेकिन दिल टूटता है तो मिलना मुश्किल है। अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि अगर भाजपा चाचा-भतीजे के बीच सुलह कराने में कितना कामयाब हो पाती है।

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