बिहार में पिछली बार जमकर हुआ 'नोटा' का प्रयोग, इस सीट पर मुश्किल से बची थी JDU की इज्जत; चौंका देगी ये रिपोर्ट
पिछले चुनाव में लोगों ने कई लोकसभा क्षेत्रों में जमकर नोटा दबाया था। वहीं एक सीट पर जदयू को बहुत कम मार्जिन से जीत मिली थी। राज्य के आठ लोकसभा क्षेत्रों में 30 से 46 हजार तक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। पश्चिम चंपारण में 45 हजार 699 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया। 11 लोकसभा क्षेत्रों में 15 से 28 हजार तक मतदाताओं ने नोटा बटन दबाए।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना l Lok Sabha Elections : पटना 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी या फिर दल से सबसे ज्यादा बेरुखी गोपालगंज के मतदाताओं ने दिखाई। इस सीट पर 51 हजार 660 मतदाताओं ने नोटा (नन ऑफ द एवव) का बटन दबाया। जीतने और हारने वाले प्रत्याशी के बाद सबसे अधिक बटन नोटा के लिए ही दबे। यह कुल वैध वोट का 5.03 प्रतिशत था।
आठ सीटों पर 30 से 46 हजार तक नोटा
राज्य के आठ लोकसभा क्षेत्रों में 30 से 46 हजार तक मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। पश्चिम चंपारण में 45 हजार 699 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया। प्रत्याशी को मिले मतों की संख्या के लिहाज यह तीसरे नंबर था।
वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में 41 हजार 41, जमुई में 39 हजार 450, मधेपुरा में 38 हजार 450, समस्तीपुर में 35 हजार 417, नवादा में 35 हजार 147, भागलपुर में 31 हजार 567 तथा गया में 30 हजार 30 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाए। चुनाव से संबंधित अधिक खबरों के लिए लिंक पर क्लिक करें
जीत का अंतर दो हजार से भी कम
11 लोकसभा क्षेत्रों में 15 से 28 हजार तक मतदाताओं ने नोटा बटन दबाए। जहानाबाद में 27 हजार 663 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया। इस सीट पर जदयू (JDU) प्रत्याशी दो हजार से भी कम अंतराल से जीते।
औरंगाबाद में 22 हजार 607, काराकाट में 22 हजार 104, आरा में 21 हजार 825, अररिया में 20 हजार 618, कटिहार में 20 हजार 584, बेगूसराय में 20 हजार 445, किशनगंज में 19 हजार 722, सासाराम में 18 हजार 988, पूर्णिया में 18 हजार 584 तथा बक्सर में 16 हजार 447 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया।
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