Move to Jagran APP

Bihar Politics: पारस-कुशवाहा की बाट जोह रहे लालू यादव, कांग्रेस से आज फाइनल होगी डील; इतनी सीटों पर बन सकती है बात

Bihar Political News लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में आज सीटों का बंटवारा हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि पशुपति पारस और उपेन्द्र कुशवाहा को एनडीए में सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिल रही है। ऐसे में लालू यादव उनकी राह देख रहे हैं। यही कारण है कि राजद बिहार में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 18 Mar 2024 08:16 AM (IST)
Hero Image
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव। फोटो- जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News In Hindi महागठबंधन में सीट बंटवारे (I.N.D.I.A Seat Sharing) पर जिसे पेच बताया जा रहा, वह वस्तुत: मोल-तोल में कमजोर पड़ रहे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो सहयोगियों के रुख की प्रतीक्षा है। पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को राजग में अपेक्षा के अनुरूप हिस्सेदारी नहीं मिल रही।

ऐसे में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Yadav) उन दोनों को महागठबंधन का हमराही बनाने की आस लगाए हुए हैं। राजद के लिए अधिक सीटों की अपेक्षा का एक यह भी कारण है। हालांकि, सोमवार को महागठबंधन में बड़े घटक दलों का हिस्सा लगभग तय हो जाना है।

कांग्रेस (Congress) अपनी आठ सीटें पक्की मान कर चल रही, जबकि वाम दलों को तीन-चार से संतुष्ट रखने का प्रयास है। बाकी बची सीटें राजद के खाते में होंगी। नव-आगंतुकों को भी उसी में से हिस्सा मिलना है। सोमवार को दिल्ली में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के आवास पर पार्टी नेताओं के बीच विचार-विमर्श होगा।

चिराग पासवान को भी राजग में सम्मानजनक हिस्सेदारी

उसके बाद राजद के प्रतिनिधियों (मनोज झा और संजय यादव) से बात होगी। वह बात लगभग आखिरी सहमति तक पहुंचने वाली होगी। इसके बावजूद महागठबंधन के दरवाजे इसलिए खुले रखे जाएंगे, क्योंकि राजग में भी अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है और असंतोष की आशंका बनी हुई है।

भाजपा और जदयू के साथ चिराग पासवान को भी राजग में सम्मानजनक हिस्सेदारी मिल जाने के बाद पारस और कुशवाहा अपने लिए गुणा-गणित लगाकर परिणाम संतोषजनक नहीं पा रहे। महागठबंधन में कुशवाहा को पिछली बार पांच सीटें मिली थीं।

अंदरखाने राजद (RJD) की ओर से पुराने साथ-सहयोग का स्मरण कराया जा रहा। बात बन गई तो ठीक, अन्यथा राजद 25 से 28 सीटों पर मैदान में होगा। आठ-नौ सीटें कांग्रेस को मिल जाएंगी और उसके बाद वामदलों के लिए भी पूरा हिस्सा रहेगा।

आरा, सिवान और काराकाट पर भाकपा (माले) की नजर लगी हुई है। भाकपा बेगूसराय की इच्छा रखे है और माकपा मधुबनी की।

कांग्रेस की दावेदारी

नवादा और पूर्वी चंपारण पर राजद के आगे कांग्रेस की इच्छा नहीं चलने वाली। पश्चिमी चंपारण के लिए संभावना बन रही है। ऐसे में वाल्मीकिनगर से मोह त्याग करना होगा। पटना साहिब कांग्रेस को बहुत पसंद नहीं। समस्तीपुर में पिछले चुनाव तक वह मुकाबले में रही है। इस बार उसके छीन जाने की प्रबल आशंका है।

फायर ब्रांड कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की अपेक्षा है, लेकिन वाम दलों की दावेदारी आड़े आ रही। कटिहार में भी ऐसी अड़चन है। हालांकि, कांग्रेस वहां अपनी दावेदारी नहीं छोड़ रही। तारिक अनवर के एक बार फिर वहां से दांव आजमाने की संभावना है।

सांसद मो जावेद की किशनगंज सीट पक्की

प्रियंका गांधी से निकटता के आधार पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम भी हाथ-पैर मार रहे। सांसद मो जावेद की किशनगंज सीट पक्की है। सुपौल और पूर्णिया में से कोई एक सीट मिल सकती है। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पसीना बहा रहे। मुजफ्फरपुर में विधायक विजेंद्र चौधरी तो लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं।

मधुबनी के लिए पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक की चर्चा है। सासाराम से मीरा कुमार का नाम अभी दरकिनार नहीं हुआ है, लेकिन उनके मजबूत विकल्प पर विचार चल रहा। औरंगाबाद के लिए भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ।

पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार की उस सीट पर कई दावेदार हैं। राजद की इच्छा है कि वहां कुशवाहा बिरादरी का प्रत्याशी हो। पिछली बार महागठबंधन में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से उपेंद्र प्रसाद ने अच्छी टक्कर दी थी।

यह भी पढ़ें-

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव के लिए एक्शन मोड में आई भाजपा, उम्मीदवारों से पहले चुनाव प्रबंधन समिति का किया एलान

Bihar Politics: अगिआंव उप चुनाव में किसकी होगी जीत? यादव और राजपूत बड़े फैक्टर, पर चिराग बिगाड़ देंगे हर खेला!

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।