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Mohan Yadav : 'यदुवंशी.. लोकतंत्र.. सम्राट आशोक.. श्रीकृष्ण...', बिहार को बड़ा संदेश दे गए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

बिहार दौरे पर आए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को प्रदेश के यादव समाज को बड़ा संदेश दिया। वह राजधानी में आयोजित अभिनंदन समारोह में उन्होंने लोगों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि यादव समाज परिवर्तन का वाहक है। उन्होंने इस्कॉन मंदिर में राधा-कृष्ण की आरती भी की। इस दौरान उनके साथ प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

By Raman Shukla Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 18 Jan 2024 08:59 PM (IST)
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Mohan Yadav : 'यदुवंशी.. लोकतंत्र.. सम्राट आशोक.. श्रीकृष्ण...', बिहार को बड़ा संदेश दे गए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Hindi : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) भगवान श्रीकृष्ण को यदुवंशियों का पूर्वज बताते हुए गुरुवार को बड़ा संदेश दे गए। श्री कृष्ण चेतना विचार मंच की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए मोहन ने कहा कि यदुवंशी हमेशा परिवर्तन के वाहक रहे हैं।

श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर मथुरा का राज लिया नहीं, बल्कि सौंप दिया था। उन्होंने बिहार के यदुवंशियों से भी बिहार में सत्ता परिवर्तन का वाहक बनने की अपील की।

बिहार आकर मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं : यादव

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सांदीपनि आश्रम उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की थी। मध्यप्रदेश में जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े हैं, उन स्थानों को तीर्थ स्थान के रूप में विकसित करने की घोषणा की।

कहा कि माता सीता की जन्मस्थली बिहार आकर मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं। ऐसी पवित्र धरती को मैं प्रणाम करता हूं।

सम्राट अशोक का उज्जैन से अलग रिश्ता : मोहन

उन्होंने कहा कि यह भगवान महावीर स्वामी की धरती है, जिससे बिहार की पहचान है। साथ ही सम्राट अशोक की भी धरती है। सम्राट अशोक का मध्यप्रदेश उज्जैन से खासतौर पर अलग तरह का रिश्ता रहा है।

हजारों साल से मध्यप्रदेश और बिहार का रिश्ता है। प्राचीन काल से मध्यप्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। मोहन ने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी में ही भगवान श्री कृष्ण का विवाह हुआ।

भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा-दीक्षा भी उज्जैन में हुई। शिक्षा के मामले में हमारा समाज कितना जागृत है, इसका उदाहरण पांच हजार साल पहले भगवान श्री कृष्ण के काल से भी जुड़ता है।

जब भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध कर दिया तो ऐसा उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं था जब कोई सत्ताधीश का वध करे और वो सत्ता की कुर्सी पर न बैठे। भगवान श्री कृष्ण हैं जिन्होंने आगे बढ़कर शिक्षा को महता दी।

भगवान श्री कृष्ण की विद्यार्थी के नाते भी पहचान है। उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण ने पांच हजार साल पहले 14 विद्या और 64 कलाओं और चारों वेद का ज्ञान अर्जित किया।

इस्कान मंदिर में भगवान के दर्शन के दौरान राधा कृष्णा की आरती करते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव साथ में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा सांसद राम कृपाल यादव विधायक नन्द किशोर यादव। फोटो- जागरण

लोकतंत्र को जिंदा रखने में 'हमारी' की बड़ी भूमिका : मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम सब भगवान श्री कृष्ण को हमारे वंश का तो मानते ही हैं, लेकिन भगवान श्री कृष्ण की पहचान कैसी है पूरे समाज के अंदर जहां कोई अव्यवस्था दिखे।

जहां कोई अधर्म की बात दिखे, अगर किसी ने आगे बढ़कर अधर्म के खिलाफ संघर्ष करने का कदम उठाया तो वह केवल एकमेव भगवान श्री कृष्ण हैं, जिन्होंने अपने पूरे जीवन को धर्म की स्थापना के लिए खपाया।

मोहन ने कहा कि मैं क्षिप्रा के तट से आकर गंगा के तटवासियों को प्रणाम करके उसका स्पंदन और आनंद महसूस कर रहा हूं। आज के इस दौर में लोकतंत्र को जिंदा रखने में हमारे समाज की भूमिका बहुत बड़ी है।

भारत में गाय के प्रति व्यक्त होता है वास्तविक सम्मान

मोहन ने कहा कि परमात्मा से, प्रकृति से प्रेम करने का उदाहरण अगर कहीं दिखाई देता है तो निश्चित रूप से वह सर्वाधिक यादव समाज से दिखाई देता है, जो गौपालन के माध्यम से अपना जीवन चलाते हैं।

परमात्मा के माध्यम से प्रकृति प्रेम को भी दिखाते हैं। जो प्रकृति से प्रेम करता है, जो जीव मात्र से प्रेम करता है, वो ही तो गोपाल हो सकता है।

इसके अलावा कौन गोपाल होता है, गोपाल यो नहीं होते, दुनिया में कई देश है हमारे अलावा, अमेरिका, इंग्लैंड में भी गाय माता बहुत सारे लोग पालते हैं, लेकिन उनके पालने के तरीके और हमारे पालने के तरीके में काफी अंतर है।

हम अशक्त और बीमार गायों की देखभाल भी करते हैं। उनके हाल पर नहीं छोड़ देते। हम गाय माता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास देखते हैं।

गायों में मां का स्वरूप भी देखते हैं। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव, राम कृपाल यादव के अलावा कई नेताओं ने स्मृति चिह्न भेंट कर मुख्यंत्री का अभिनंदन किया।

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