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महावीर कैंसर संस्थान में भी 16 से प्लाज्मा डोनेशन की सुविधा

कोरोना को हराना है ------- - जयप्रभा अस्पताल व जेएलएनएमसीएच में भी प्लाज्मा डोनेशन की सुविधा जल्द -------

By JagranEdited By: Updated: Thu, 13 Aug 2020 07:36 AM (IST)
महावीर कैंसर संस्थान में भी 16 से प्लाज्मा डोनेशन की सुविधा

पटना । कोरोना के गंभीर मरीजों को अधिक से अधिक प्लाज्मा थेरेपी से इलाज मिल सके इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। इसी कड़ी में अब स्वास्थ्य विभाग ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस), एम्स और प्राइवेट अस्पताल पारस के बाद महावीर कैंसर संस्थान को भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज और प्लाज्मा डोनेशन के लिए अधिकृत कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की अनुमति के बाद यह फैसला किया है। महावीर कैंसर संस्थान के अलावा पटना के जयप्रभा अस्पताल, भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी प्लाज्मा डोनेशन की व्यवस्था होगी।

आइसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज की अनुमति करीब दो महीने पहले ही दी थी। उसके बाद आइजीआइएमएस, एम्स और पारस में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा था।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि जयप्रभा अस्पताल और भागलपुर मेडिकल कॉलेज में जल्द ही आवश्यक मशीनों का अधिष्ठापन कर दिया जाएगा। इधर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि पटना के महावीर कैंसर संस्थान को भी प्लाज्मा डोनेशन और इलाज के लिए अधिकृत कर दिया गया है। 16 अगस्त से इस संस्थान में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। बता दें कि एम्स, पटना में अब तक करीब 58 गंभीर मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से किया गया। उनमें से 36 पर प्रयोग सफल रहा।

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एनएमसीएच में 376 बेड खाली, 12 कोरोना विजेता लौटे

जागरण संवाददाता, पटना सिटी : 447 बेड वाले कोविड अस्पताल एनएमसीएच में खाली बेड की संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार को अस्पताल में 376 बेड खाली हो गए। इलाज के बाद स्वस्थ हुए 12 कोरोना विजेताओं को छुट्टी दी गई। नोडल पदाधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव सात गंभीर मरीज भर्ती किए गए हैं। कुल 63 मरीजों का इलाज जारी है। आइसीयू में 23 का इलाज चल रहा है। वेंटिलेटर पर एक भी मरीज नहीं है। 44 मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है। वहीं, अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संदिग्ध 10 मरीजों के लिए अलग से बनाए गए वार्ड में मरीज को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इन्हें कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है।

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