Makhana Vikas Yojana: मखाने की खेती से कमाएं लाखों..! सरकार दे रही है 75 प्रतिशत सब्सिडी, आवेदन शुरू; जानें जरूरी बातें
Makhana Vikas Yojana For Farmers अगर आप मखाने की खेती करते हैं या करने की योजना बना रहे हैं तो बिहार सरकार आपके लिए एक बेहद शानदार स्कीम लेकर आई है। अब मखाने की खेती और मखाने के स्टोरेज हाउस पर सरकार किसानों के 75 प्रतिशत सब्सिडी देगी। यह स्कीम चुनिंदा जिलों में लागू होगी। सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए हैं।
By Rajat MouryaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 23 Oct 2023 04:07 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, पटना। Makhana Vikas Yojana बिहार के दक्षिणी इलाकों में मखाने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यही कारण है कि बिहार सरकार अब मखाने के किसानों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है। इस योजना का नाम मखाना विकास योजना है। योजना के तहत मखाने के किसानों को राज्य सरकार 75 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है।
किन जिलों को मिलेगा योजना का लाभ?
कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा और खगड़िया के किसानों इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
बिहार सरकार के कृषि विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर योजना से संबंधिक जानकारी साझा की है। एक्स पर लिखा- 'बिहार का मखाना, पोषक तत्वों का खजाना'। सरकार के इस स्लोगन से साफ है कि अब मखाना के किसानों को सरकार का साथ मिल चुका है। मखाने की खेती पर राज्य सरकार 75 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। इससे एक तरफ मखाने की प्रोडक्शन बढ़ेगी तो दूसरी तरफ किसानों की आय भी दोगुना होगी।
मखाना की उन्नत प्रजाति
स्वर्ण वैदेही प्रभेद और सबौर मखाना-1 को मखाने की उन्नत प्रजातियों में से एक माना जाता है। बिहार सरकार ने इस पर प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 97,000 रुपये तय की है। जिसपर 75 प्रतिशत सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी। यानी की एक हेक्टेयर की खेती पर मखाना किसानों को 72,750 रुपये सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।
मखाना भंडार गृह (5 MT)
किसानों को खेती के साथ-साथ मखाने के लिए स्टोरेज हाउस स्थापित करने पर भी सब्सिडी मिलेगी। सरकार ने स्टोरेज हाउस की लागत 10 लाख रुपये तय की है। जिसपर 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। यानी की आपको 7.5 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में मिलेंगे। कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा से किसानों को लाभ मिलेगा।बीज वितरण कार्यक्रम
मखाना किसानों को बीत वितरण कार्यक्रम के तहत भी सब्सिडी मिलेगी। 5400 रुपये प्रति हेक्टेयर बीज कीमत का 75 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में मिलेगा। यह योजना कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया में लागू होगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।जान लीजिए कैसे करना है अप्लाई? (Makhana Vikas Yojana Apply Online)
मखाना विकास योजना के लिए 20 अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुका है। अब आप ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आपको https://horticulture.bihar.gov.in/HortMIS/Makhana पर क्लिक करना होगा। यहां जाकर आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।मखाना के उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से मखाना विकास योजना (2023-2024) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ। विस्तृत जानकारी एवं ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विजिट करें- https://t.co/aeiJ1Jra8W@Agribih @KumarSarvjeet6@SAgarwal_IAS@dralokghosh… pic.twitter.com/InATyTwOOE
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) October 21, 2023
मखाना विकास योजना से संबंधित मुख्य बातें-
- राज्य में मखाना की उन्नत प्रजाति का बीज उत्पादन, बीज वितरण, नया क्षेत्र विस्तार (खेत प्रणाली), मखाना भंडार गृह (5 MT) तथा प्रशिक्षण के माध्यम से मखाना के उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से मखाना विकास योजना का क्रियान्वयन किया जाना है।
- राज्य के 10 जिलों यथा-कटिहार, पूर्णियाँ, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा एवं खगड़िया में इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
- मखाना विकास योजना अन्तर्गत न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) एवं अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) का लाभ दिया जाएगा।
- मखाना भंडारण गृह (5 MT) का अनुमोदित Model Estimate एवं संरचना का नक्शा दिये गये लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
- भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र तीन वर्ष पूर्व से अद्यतन एवं राजस्व रसीद एक वर्ष पूर्व का/एकरारनामा चालू वित्तीय वर्ष का होना अनिवार्य है। एकरारनामा का प्रारूप दिये गये लिंक पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
- चयन हेतु जिला के लक्ष्य अन्तर्गत 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 1 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- कृषक चयन में प्रत्येक वर्ष 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा।