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तो क्या महाबैठक में नहीं आएंगी ममता? कांग्रेस के सामने रख दी शर्त; CM नीतीश के एकजुटता मिशन पर लगा ग्रहण

पटना में 23 जून को आयोजित विपक्षी दलों की महाबैठक से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शर्त ने कांग्रेस के सामने दुविधा की स्थिति खड़ी कर दी है। इससे नीतीश कुमार के विपक्षी दलों की एकजुटता की कोशिश पर भी ग्रहण लगता नजर आ रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sun, 18 Jun 2023 02:33 PM (IST)
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23 जून को महाबैठक के जरिए एकजुटता मिशन पर लगा ग्रहण। जागरण
पटना, जागरण संवाददाता। पटना में 23 जून को आयोजित विपक्षी दलों की महाबैठक पर सबकी निगाहें टिकी है। हालांकि, भाजपा के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार के एकजुटता की पहल पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। महाबैठक से महज पांच दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के सामने बड़ी शर्त रख दी है।

दरअसल, शनिवार को टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया कि कांग्रेस अगर बंगाल में सीपीएम के साथ चुनाव लड़ेगी तो वह भाजपा के खिलाफ उनके समर्थन की उम्मीद न करें।ममता ने कहा कि कांग्रेस तो बहुत राज्यों में रही है। वे संसद में हमारा सहयोग चाहते हैं। हम भाजपा के खिलाफ उनका साथ देने को तैयार हैं लेकिन बंगाल में CPI(M) से हाथ मिलाने के बाद आप हमसे सहयोग मांगने न आएं।

राहुल गांधी-मल्लिकार्जुन खरगे पहुंचेंगे पटना

इधर, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने रविवार को बताया कि विपक्षी एकता की महाबैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल होंगे। दोनों नेता एक दिन के दौरे पर पटना पहुंचेंगे और  महाबैठक के बाद वापस लौट जाएंगे।

महाबैठक में दीदी के शामिल होने पर सस्पेंस

अब ऐसे में इस बात की चर्चा तेज है कि पटना में जिस महाबैठक की पहल खुद ममता बनर्जी ने की थी, वे हीं इससे गायब रहेंगी तो अन्य विपक्षी पार्टियों के बीच क्या संदेश जाएगा। या फिर कांग्रेस दीदी की शर्त मान लेगी और केंद्र की सत्ता के लिए बंगाल में टीएमसी से समझौते के लिए राजी हो जाएगी। 

क्या CM नीतीश से दिया वादा निभाएंगी ममता

इस बात की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि ममता बनर्जी खुद न आकर अपनी पार्टी के किसी अन्य नेता को महाबैठक में भेजने की योजना बना रहीं हो। हालांकि, नीतीश कुमार ने पहले ही सभी विपक्षी दलों को दो टूक कह दिया है कि बैठक में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का होना जरूरी है। नीतीश के बंगाल दौरे पर ममता ने कहा था वे पटना आएंगी।

अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 23 जून को होने वाली महाबैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ममता बनर्जी का आमना-सामना होता है या केंद्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ नीतीश कुमार के एकजुटता की कोशिश विफल हो जाती है। 

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