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Bihar Politics: 'जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं...', जेल से निकलते ही मनीष कश्यप का हल्ला बोल; 'कंस' से कर दी नीतीश सरकार की तुलना

यू-ट्यूबर त्रिपुरारी तिवारी उर्फ मनीष कश्यप शनिवार को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा हो गए हैं। जेल से निकलते ही उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोल दिया है। उन्होंने बिहार सरकार की तुलना कंस से कर दी है। वह नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर जमकर बरसे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं।

By Jagran News Edited By: Mukul KumarUpdated: Sun, 24 Dec 2023 11:40 AM (IST)
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यू-ट्यूबर त्रिपुरारी तिवारी उर्फ मनीष कश्यप जेल से बाहर। फोटो साभार- सोशल मीडिया
डिजिटल डेस्क, पटना। पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार को यू-ट्यूबर त्रिपुरारी तिवारी उर्फ मनीष कश्यप बेउर जेल से रिहा हो गए। उनके स्वागत में गेट पर समर्थकों की भीड़ लगी रही। हंगामे से आशंकित प्रशासन ने जेल के बाहर पर्याप्त संख्या में बल को तैनात कर रखा था।

मनीष कश्यप लगभग नौ महीने तक तमिलनाडु और पटना के बेउर जेल में रहने के बाद रिहा हुए। इसके बाद यहां से वे घर के लिए रवाना हो गए।

विदित हो कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के आरोप में मनीष कश्यप ने बेतिया में आत्मसमर्पण किया था। तब से वह जेल में ही थे।

कोर्ट ने नहीं नेताओं ने दी सजा

जेल से बाहर निकलते ही मनीष ने नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ साजिश की गई थी, जिसकी वजह से उन्हें नौ महीने जेल में रहना पड़ा था।

मनीष ने कहा कि जैसे कंस ने साजिश किया तो भगवान कृष्ण को नौ महीने बाद जेल में पैदा होना पड़ा, वैसे ही बिहार में कई कंस हैं, जिन्होंने उनके खिलाफ साजिश की। उन्होंने कहा कि ये सजा कोर्ट ने नहीं नेताओं ने दी थी, उनके ऊपर एनएसए लगा दिया गया था।  

उन्होंने कहा कि 1980 के बाद एनएसए के इम्प्लीमेंट होने बाद किसी मीडियाकर्मी, यूट्यूबर और सोशल वर्कर पर कभी एनएसए नहीं लगा था। पहली बार मनीष कश्यप के ऊपर यह धारा लगाई गई। हालांकि, कोर्ट ने इसे हटा दिया, नहीं तो वह दो महीने के अंदर जेल से बाहर आ जाते।  

झूठ बोलने वाले नेताओं को भी मिलनी चाहिए सजा

इसके मनीष कश्यप ने यह भी कहा कि चुनाव के वक्त कोई नेता रोजगार तो कोई नेता घर या सड़क बनाने की बात करता है, अगर वह काम नहीं करता है, तो वह भी झूठ है और उनपर वही धारा लगनी चाहिए जो उनके ऊपर लगाई गई। 

मनीष कश्यप ने कहा कि पहाड़ तोड़कर सड़क बनाने वाले दशरत मांझी के परिवार को आज तक उनका हक नहीं मिला। मांझी जैसे बिहार में करोड़ों घर हैं, जो समस्या में पैदा होते हैं, समस्या में जीते हैं और समस्या के साथ अंतिम सांस लेते हैं। इसी समस्या को जड़ से उखाड़कर फेंकना है। 

उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। चाहे भ्रष्टाचार रूपी पहाड़ कितना भी ऊंचा ना हो जाए, उसे तोड़कर ही दम लेंगे। 

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