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Bihar Politics: जीतन सहनी हत्याकांड पर मांझी के बेटे का बड़ा दावा, लालू-राबड़ी का नाम लेकर कही ये बात

जीतन सहनी मर्डर केस को लेकर केंद्रीय मंत्री मांझी के बेटे और बिहार के मिनिस्टर संतोष सुमन ने बड़ा दावा किया। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि जीतन सहनी की निर्मम हत्या के मात्र 36 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी की गिरफ्तार हो चुकी है। इससे पता चलता है कि प्रदेश में कानून का राज है। संतोष सुमन ने लालू-राबड़ी पर भी निशाना साधा।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 19 Jul 2024 08:41 AM (IST)
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राजद सुप्रीमो लालू यादव, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और राजद नेत्री राबड़ी देवी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। Jitan Sahani Murder Case हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव राज्य सरकार में मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की निर्मम हत्या के मात्र 36 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और पूरे मामले का खुलासा करना, कानून के राज का सबूत है।

उन्होंने कहा कि अपराध की घटनाएं कभी शून्य नहीं हो सकतीं, लेकिन जब कानून का राज होता है, तब घटना के बाद पुलिस कार्रवाई में न्यनूतम समय लगता है। लालू-राबड़ी राज में अधिकतर आपराधिक घटनाओं के बाद पुलिस बहुत देर से मौके पर पहुंचती थी और अक्सर घटना के सबूत भी मिट जाते थे।

संतोष सुमन ने दावा किया कि एनडीए का शासन हमेशा राजद राज से बेहतर रहा है, इसलिए जनता ने बार-बार एनडीए पर भरोसा जताया।

राजद राज में सत्ता की शह पर होते थे अपराध- राजीव रंजन

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि राजद के राज में सत्ता की शह पर अपराध होते थे। अपराधियों के लिए स्वर्णकाल था लालू-राबड़ी राज। राजीव रंजन ने कहा कि मुकेश सहनी के पिता के हत्यारों की महज 36 घंटों के अंदर गिरफ्तारी यह दिखाता है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ कितनी तेजी से कार्रवाई करती है।

'तेजस्वी यादव अगर पढ़ने की थोड़ी-सी जहमत उठाएं तो...'

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अगर पढ़ने की थोड़ी-सी जहमत उठाएं तो उन्हें पता चल जाएगा कि उनके माता-पिता का राज अपराधियों के लिए स्वर्णकाल था। उनके राज के अंतिम वर्ष 2005 की ही बात करें तो उस वर्ष 34 71 हत्याएं हुईं और अपहरण की 251 वारदात।

राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में सभी तरह के अपराधों पर लगाम लगी। वर्ष 2005 -2010 के पहले कार्यकाल के दौरान ही लगभग 50 हजार अपराधियों को सजा मिली।

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