Manoj Jha: 'आप भी बड़े दुख उठाएंगे, याद रखिएगा', नौकरी के बदले जमीन मामले पर भड़के मनोज झा, भाजपा को दे डाली चेतावनी
Bihar News नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में ईडी की चार्जशीट में लालू परिवार के महिलाओं के नाम सामने आने से सियासी भूचाल आ गया है। आरजेडी के सभी नेता मोदी सरकार के खिलाफ लगातार तीखे बयान दे रहे हैं और इसे साजिश बता रहे हैं। बता दें कि चार्जशीट में लालू यादव की बेटी हेमा यादव का भी नाम दिया गया है।
डिजिटल डेस्क, पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जमीन के बदले नौकरी मामले में दायर नई चार्जशीट पर आरजेडी पूरी तरह से बीजेपी पर भड़क गई है। आरजेडी के नेताओं ने ईडी (ED) की इस कार्रवाई को मोदी सरकार की साजिश बताया है। इसी क्रम में आरजेडी के राज्यसभा के सांसद मनोज झा ने भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार हमला बोला है।
मनोज झा ने कहा कि इस केस को बिहार के टॉप लीडरशिप ने बनवाया है। 2008 का केस है। 16 साल पुराना केस है। मंत्रालय की नजर में यह घोटाला नहीं है। आज भी चार्जशीट में मंत्रालय और उनके अधिकारियों का नाम नहीं है। घर की महिलाओं का नाम आपने दिया है। इनका कार्यसंचालन से कोई मतलब नहीं है।
हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए हो रहा यह सब खेल
मनोज झा ने कहा कि हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए इस तरह का खेल हो रहा है। अमित का क्या, वह तो सीबीआई के प्रोटेक्टेड विटनेस हैं। उनको ईडी उठा रही है। यह कौन सा रूल ऑफ लॉ है। और हम जान रहे हैं कि आप अभी समन पर समन भेजिएगा। आप सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की कोशिश करेंगे। जिनके नाम छूट गए उनके नाम डालने की कोशिश करेंगे।आप भी बड़े दुख उठाएंगे, याद रखिएगा: मनोज झा
तो जाहिर तौर पर आपकी वेनडाटा पॉलिटिक्स अब ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। मैं तो फिर कह रहा हूं, आप हमेशा के लिए सरकार में रहने वाले नहीं हैं। आप भी बड़े दुख उठाएंगे, याद रखिएगा। ईडी और सीबीआई के चक्कर आपको भी काटने होंगे। आपने जिस तरह से इन एजेंसी का दुरुपयोग किया है। आप पर भी भारी पड़ेगा।
महिलाओं के नाम आने से भड़की आरजेडी
राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि अब अति की पराकाष्ठा हो रही है। दोनों नेताओं ने अलग-अलग बयान जारी कर कहा कि दाखिल चार्जशीट में घर की उन महिलाओं का नाम शामिल किया गया है, जिनका रेलवे मंत्रालय से कोई वास्ता नहीं रहा है।यह भी अजीब मामला है कि चार्जशीट में रेलवे के किसी अधिकारी का नाम नहीं है। और इससे भी बड़ा आश्चर्य तो यह है कि जिस अमित कात्याल को सीबीआइ ने गवाह बनाया है, ईडी ने उसे भी गिरफ्तार किया है। राजनीतिक प्रतिशोध में इस मामले को पुनर्जीवित कर लालू प्रसाद के परिवार को परेशान और प्रताडि़त किया जा रहा है।
राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि राजद पहले से हीं यह कहता रहा है कि राजनीतिक रूप से हार मान चुकी भाजपा अपने विरोधियों को परेशान करने एवं लोकसभा चुनाव तक उन्हें उलझाए रखने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का लगातार इस्तेमाल करेगी।
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