Vat Savitri Vrat: सुहागिनों ने अपने-अपने 'सत्यवान' की लंबी उम्र के लिए रखा उपवास, जानिए क्या है इस व्रत के लाभ
Vat Savitri Vrat 2023 पटना के दरियापुर गोला स्थित राधे कृष्ण मंदिर परिसर में सुहागिनों ने बरगद के पेड़ की पूजा की। फिर सुहागिनों ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना की और पति के जीवन से सारी परेशानी दूर करने की मनोकामना मांगी।
By Roma RaginiEdited By: Roma RaginiUpdated: Fri, 19 May 2023 11:31 AM (IST)
जागरण संवाददाता। राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए शुक्रवार को वट सावित्री का व्रत रखा है। इसी क्रम में महिलाओं ने उपवास रखा और शुक्रवार सुबह बरगद के पेड़ के पास पूजा-पाठ की। फिर इसकी परिक्रमा भी की।
इसी क्रम में पटना के दरियापुर गोला ऐसी स्थित राधे कृष्ण मंदिर परिसर में सुहागिनों ने पूजा की। उन्होंने पूजा-पाठ कर पेड़ की परिक्रमा की। फिर पेड़ के चारों ओर सुहागिनों ने कलेवा बांधा और पति की लंबी उम्र की कामना की। वे अब अगले दिन उपवास तोड़ेंगी।
शास्त्र के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान के जीवन को यमराज (मृत्यु के देवता) से वापस मांग लिया था। तभी से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती हैं। पति के जीवन से परेशानी दूर करने की मन्नत मांगती हैं।
(पटना में बरगद का परिक्रमा करती महिलाएं)
व्रत सावित्री व्रत से पति-पत्नी के बीच बढ़ता है प्रेम
शास्त्रों के अनुसार, यह व्रत सौभाग्य को बढ़ाने वाला और पुण्य प्रदान करने वाला माना जाता है। ये व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम भाव को और बढ़ाता है। घर में खुशहाली आती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
बता दें कि इस दिन शनिदेव की जयंती भी मनाई जाती है। शनिदेव की जयंती को लेकर तीन ग्रहों के अद्भुत संयोग बना है। बुध, राहु, गुरु मेश राषि में भ्रमण कर रहे हैं। वहीं शनि स्वगृही होकर कुम्भ राशि में भ्रमण कर रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ महीने अमावस्या के दिन शनिदेव का जन्म हुआ।
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- अमावस्या तिथि प्रारंभ : 18 मई की रात 9:42 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त-19 मई को रात्रि 9:22 बजे