राजद की रैली को ले मायावती ने कही ये बड़ी बात, जानिए क्या रखी शर्त
राजद की रैली को ले मायावती ने बड़ी बात कही है। उन्होंने शर्त रखी है कि बसपा तभी रैली में शामिल होगी, जब संयुक्त विपक्ष में सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय हो जाए।
पटना [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की 27 अगस्त को होने वाली रैली में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) शामिल नहीं होगी। बसपा विपक्षी एकजुटता के खिलाफ नहीं, लेकिन रैली में तभी शामिल होगी, जब चुनाव में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय हो जाए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने रैली के पहले सीटों के बंटवारे की शर्त रख दी है, जो इतनी जल्दी संभव नहीं। ऐसे में बसपा का रैली में शामिल नहीं होना तय हो गया है।
अच्छे नहीं रहे पहले के अनुभव
मायावती ने गुरुवार को कहा कि बसपा विपक्षी की एकजुटता के खिलाफ नहीं है, लेकिन पार्टी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के साथ कोई मंच तभी साझा करेगी जब तय रहे कि चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। पिछले चुनावी अनुभव अच्छे नहीं रहे। टिकटों के बंटवारे के वक्त पीठ में छुरा भोंकने वाले दलों के कारनामे जनता को भी मायूस करने वाले रहे हैं।
राजद सुप्रीमो को करा दिया अवगत
पटना रैली से तीन दिन पहले मायावती ने गुरुवार दोपहर बाद बसपा का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि पटना रैली में बसपा के शामिल कराने को राजद नेतृत्व द्वारा विशेष कोशिश की जाती रही है। रैली में बसपा के शामिल होने के सवाल पर सबकी निगाहें लगी हैं। इसको लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। मायावती ने बताया कि इस बारे में राजद नेतृत्व को साफ तौर पर बता दिया गया था कि बसपा अपने सिद्धांत, नीति और अलग कार्यशैली वाली पार्टी है।
धोखा मिलने की चिंता
मायावती ने कहा कि बसपा के शामिल होने के बाद रैली सफल होगी। लेकिन, बाद में सेक्युलर पार्टी के बीच टिकट बंटवारे को लेकर आपसी घमासान व पीठ में छुरा घोंपने के अनुभवों से जनता मायूस हो चुकी है। गत बिहार चुनाव का अनुभव भी अच्छा नहीं रहा। बसपा ने ऐसे कड़वे अनुभवों से काफी कुछ सीखने की कोशिश की है।
मायावती ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष विपक्ष पहले साझा कार्यक्रम तय करे, ईमानदारी से सीटों का सम्मानजनक बंटवारा करे। इसके बाद बसपा किसी रैली के मंच साझा करेगी।