Move to Jagran APP

पटना में 'सुजनी कला' को इन्‍होंने सहेजा और स्‍वरोजगार से जोड़ा

राज्य सरकार ने सुजनी कला को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 में माला गुप्ता को सम्मानित किया था।

By Krishan KumarEdited By: Updated: Thu, 27 Sep 2018 06:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, पटना : दादी-नानी के हाथों की कला महिलाओं को रोजगार मुहैया करा रही है। राजधानी की माला गुप्ता खुद तो इससे कमाई कर ही रहीं, दूसरी महिलाओं को भी सुजनी कला के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ रहीं। उनका कहना है कि सुजनी कला भारतीय संस्कृति की अमिट छाप है। जो कई पीढिय़ों से चली आ रही है और आगे भी जारी रहेगी। यह सिलसिला थमने वाला नहीं है। 

माला गुप्ता बताती हैं कि बचपन में नानी-दादी को सुजनी कला पर काम करते देखती थीं। उसी समय से इस कला के प्रति आकर्षण बढऩे लगा था। धीरे-धीरे समय बीतता गया। तभी याद आया कि अगर इस कला को संवारने की कोशिश नहीं की गई तो यह खो सकती है। इसको लेकर सबसे पहले दोस्तों से बात की। सभी ने कहा कि यह हमारी प्राचीन कला है और सलाह दी कि इसका संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। फिर क्या था, उन्होंने संकल्प लिया कि अब सुजनी कला के संरक्षण के लिए काम करेंगी। इसके लिए पटना जिले के गांवों में इस कला पर काम करने वाली बुजुर्ग महिलाओं से सुजनी कला की बारीकियों को सीखा।

फिर स्वयं इसको बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू कर दिया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मुम्बई के कुछ डिजाइनरों से भी मुलाकात की। उन लोगों ने भी सुजनी कला के बारे में बहुत कुछ बताया। उसके बाद सुजनी कला को लेकर वह आगे बढऩे लगीं। वर्तमान में सुजनी कला की छाप आप सूती, खादी, सिल्क साड़ी, कुर्ता, परदा, बेडशीट, झोला, लेडीज बैग, फाइल पर दिखाई दे रही है। शुरू में इसके बाजार को लेकर थोड़ी परेशानी हो रही थी, लेकिन अब इसकी मांग न केवल देश में है, बल्कि विदेशों में भी बड़े पैमाने पर हो रही है। सुजनी कला को बढ़ावा देने के लिए मुम्बई और दिल्ली से भी कई कलाकार संपर्क कर रहे हैं। 

राज्य सरकार ने 2015 में दिया था सम्मान
राज्य सरकार ने सुजनी कला को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 में माला गुप्ता को सम्मानित किया था। इसके साथ ही माला गुप्ता ने उपेंद्र महारथी संस्थान में सुजनी कला का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। इस कला के प्रति नई-नई लड़कियां प्रशिक्षण के लिए आगे आ रही हैं। माला का कहना है कि सूबे की महिलाओं के लिए सुजनी कला रोजगार का एक बेहतर माध्यम है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।