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BBA BCA BMS Scholarship: इन कॉलेजों की मेधावी छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, AICTE हर साल देगा 25,000 रुपये

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) की ओर से बीबीए बीसीए और बीएमएस प्रोग्राम की मेधावी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को स्कॉलरशिप के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा। इस योजना पर करीब 7.5 करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे। यह योजना का लाभ सत्र 2024-25 से बीबीए बीसीए और बीएमएस की छात्राओं को मिलेगा। उन्हें 25 हजार रुपये हर वर्ष मिलेगा।

By Nalini Ranjan Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 28 May 2024 02:46 PM (IST)
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इन कॉलेजों की मेधावी छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, हर साल मिलेंगे 25,000 रुपये
जागरण संवाददाता, पटना। इंजीनियरिंग के बाद अब मैनेजमेंट और कंप्यूटर एप्लीकेशन के क्षेत्र में भी बेटियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए योजना शुरू हो गई है। तकनीकी कॉलेजों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए शैक्षणिक सत्र 2024 से विशेष स्कॉलरशिप योजना शुरू की जा रही है।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) की ओर से बीबीए, बीसीए और बीएमएस प्रोग्राम की मेधावी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को स्कॉलरशिप के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा। इस योजना पर करीब 7.5 करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे।

यह योजना का लाभ सत्र 2024-25 से बीबीए, बीसीए और बीएमएस की छात्राओं को मिलेगा। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की 3000 से अधिक मेधावी छात्राओं को लाभ दिया जाएगा। उन्हें 25 हजार रुपये हर वर्ष मिलेगा।

एआइसीटीई के अधिकारियों के अनुसार, इंजीनियरिंग में अतिरिक्त सीट और स्कॉलरशिप के कारण छात्राओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसी कारण अब प्रबंधन और कंप्यूटर एप्लीकेशन के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर होगा। अभी तक इंजीनियरिंग क्षेत्र में बेटियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रगति योजना में स्कॉलरशिप दी जाती है। इसमें 50 हजार रुपये सालाना स्कॉलरशिप दी जाती है।

मान्यता प्राप्त संस्थानों में ही लाभ

एआइसीटीई पहली बार आगामी सत्र से बीबीए, बीसीए और बीएमएस प्रोग्राम को पढ़ाने की मंजूरी दे रहा है। अभी तक यह तीनों प्रोग्राम को पढ़ाने की मंजूरी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मिलती थी। इसीलिए एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की छात्राओं को इस स्कॉलरशिप का लाभ मिलेगा।

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के कारण छात्राओं की संख्या में लगातार सुधार हो रहा है। वर्ष 2019 में बेटियों की संख्या 29 फीसदी थी। 2020 में 30 फीसदी और 2021 में यह आंकड़ा 36 फीसदी तक पहुंच गया।

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