Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bihar Politics: मीसा भारती के 'जेल भेजने' वाले बयान से सियासी घमासान तेज, बिहार में बढ़ने लगी जुबानी कड़वाहट

संसदीय मर्यादा के विपरीत पिछले कुछ चुनावों की तरह 18वीं लोकसभा के महासमर में पहले चरण के लिए मतदान की तिथि करीब आते ही नेताओं की जुबान फिसलने लगी है। तीखी टिप्पणी के कारण दलों के बीच वार-पलटवार का क्रम भी परवान चढ़ने के साथ ही चुनावी कड़वाहट भी सतह पर आने लगी है। इस बीच मीसा ने भाजपा नेताओं को जेल भेजने की चुनौती देकर चुनावी तपिश बढ़ा दी।

By Raman Shukla Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 12 Apr 2024 05:59 PM (IST)
Hero Image
बिहार की राजनीति में मचा घमासान। (फाइल फोटो)

रमण शुक्ला, पटना। 11 अप्रैल को राजद से राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) की सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जेल भेजने की चेतावनी दी तो बड़बोले नेताओं में मीसा को घेरने की होड़-सी मच गई है।

मीसा ने प्रधानमंत्री ही नहीं भाजपा नेताओं को भी सलाखों के पीछे भेजने की चुनौती देकर चुनावी तपिश बढ़ा दी। अब इसके पीछे कारण यह है कि मीसा कोई मामूली नेता नहीं हैं, बल्कि राजद प्रमुख लालू यादव की पुत्री हैं। साथ ही लगातार दूसरी बार राज्यसभा की सदस्य हैं।

सेल कंपनियों के माध्यम से काले धन को सफेद बनाने को लेकर कई मामले में जांच का सामना कर रही हैं। ऐसी स्थिति में मीसा प्रधानमंत्री को जेल भेजने की चेतावनी बुरी तरह उलझ गईं हैं।

मीसा की जमकर किरकिरी हो रही है। हालांकि देखा जाए तो मीसा अपने परिवार की परंपरा के विपरीत कोई टिप्पणी नहीं की हैं।

राजद प्रमुख लालू यादव भी अपने बड़बोलेपन एवं विवादित बयान के लिए पिछले चार दशक से चुनाव दर-दर सुर्खियां बटोरते रहे हैं।

विवादित बयान के लिए चर्चित रहे हैं लालू

वैसे देखा जाए तो बिहार की राजनीति में लालू परिवार की ओर से कोई बहुत चौंकाने वाली टिप्पणी नहीं की गई है।

गत माह संपन्न हुई रैली में लालू यादव ने कहा था,  "अगर नरेन्द्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं। वह राम मंदिर के बारे में डींगें हांकते रहते हैं। वह एक सच्चे हिंदू भी नहीं हैं। हिंदू परंपरा में एक बेटे को अपने माता-पिता के निधन पर अपना सिर और दाढ़ी मुंडवानी चाहिए। मोदी ने तब ऐसा नहीं किया जब उनकी मां की मृत्यु हो गई।''

इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी लालू ने चुनौती दी थी। लालू यादव ने कहा था कि "कोई माई का लाल नहीं जो हमारी सरकार बनने से रोक दे। मैंने मोहन भागवत से कह दिया है कि मूंछ में दम है तो आरक्षण खत्म करके दिखाएं।''

यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध लालू और भी कई विवादित बयान के लिए चर्चित रहे हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान लालू ने कहा था "हिंदू भी गोमांस खाते हैं। जो शख्स मांस खाता है, उसके लिए किसी भी मांस में भला क्या अंतर है?"

वहीं, पूर्व मंत्री एवं लालू यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने प्रधानमंत्री की खाल उधड़वाने की धमकी दी थी। यही नहीं, राजद के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर ने भी सनातन धर्म एवं श्रीराम प्रभु के विरुद्ध बयान देकर हिंदुओं को अपमानित किया था।

यह भी पढ़ें: West Champaran News: रामनगर में झाड़-फूंक से मना करने पर मारपीट, 12 लोगों पर पोक्सो और SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज

Chaiti Chhath Puja 2024: आस्था का महापर्व चैती छठ शुरू, जानें क्या है नहाय-खाय और सूर्य अर्घ्य की तिथि

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर